aaj ka vichar in hindi new2017


  1. मनुष्‍य के सभी कार्य इन सातों में से 
  2. किसी एक व~ज़ह से होते हैं 
  3. मौका, प्रकृति, मजबूरी,आदत 
  4. कारण, जुनून, इच्‍छा !
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  6. अपने सपनों को साकार करने का 
  7. सर्वश्रेष्‍ठ तरीका यही है कि 
  8. आप जाग जायें~ और बिना रूके 
  9. काम करते रहें .... 
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  11. हमारी सबसे बड़ी ~कमजोरी हार मान लेने में है, 
  12. सफल होने का सबसे सटीक तरीका है , 
  13. एक बार और कोशिश करना .... 

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  15. सफलता खुशी की कुंजी नहीं है,
  16. खुशी सफलता की कुंजी है
  17. यदि आप अपने~ काम को
  18. दिल से करते हैं
  19. तो जरूर सफल होंगे.

  20. -------------------------------------------------
  21. खुशियों के बीज़ बोने पड़ते हैं 
  22. दर्द की कँटी~ली बाडि़याँ उग आती हैं खुद-ब-खुद

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  24. स्‍वास्‍थ्‍य की हानि होने पर न तो प्रेम न ही सम्‍मान, 
  25. न ही धन-दौलत और न ही बल द्वारा
  26. ह्रदय की खुशी मिल सकती है। 
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  28. अच्‍छी बातों का प्रभा~व अच्‍छा ही पड़े - यह ज़रूरी नहीं, 
  29. अपने नज़रिए से लोग अच्‍छाई को आडम्‍बर भी कहते हैं !!!


  30. आज का सद़विचार ''सच्‍चा सुख ''
  31. सच्‍चा सुख वही~ है जब आप जो सोचें, 
  32. कहें और करें तारतम्‍य में हो । 

  33. ------------------------------------------------
  34. जिंदगी की किताब में
  35. धैर्य के कवर का होना
  36. बहुत जरूरी है

  37. बांध के रखता है हर पृष्‍ठ को !!!

  38. ------------------------------------------------
  39. क्षमा करने से पिछला समय तो नहीं बदलता, 
  40. लेकिन इससे भविष्‍य सुनहरा हो उठता है । 

  41. ------------------------------------------------
  42. पुष्‍प की सुगंध वायु के विपरीत कभी नहीं जाती, 
  43. लेकिन मानव के सद्गुण की महक सब ओर फैल जाती है। 
  44. ------------------------------------------------
  45. मनुष्‍य ही परमा~त्‍मा का सर्वोच्‍च साक्षात मंदिर है, 
  46. इसलिए साकार देवता की पूजा करो ..... 

  47. ------------------------------------------------
  48. मनुष्‍य मन की शक्ति~यों के बादशाह हैं 
  49. संसार की समस्‍त शक्तियां उनके सामने नतमस्‍तक हैं । 

  50. ------------------------------------------------
  51. त्‍याग का आदर्श महान है 
  52. और वही जगत ~में कुछ कर सकता है, 
  53. जिसमें त्‍याग की मात्रा अधिक हो .... 


  54. आज का सद़विचार '' मिठास और स्‍वाद ''
  55. खा‍तिरदारी में मि~ठास जरूर है 
  56. मगर उसका ढकोसला करने में 
  57. न तो मिठास है और न स्‍वाद । 
  58. ------------------------------------------------
  59. महान उपलब्धियों के लिये ...
  60. हमें कर्म ही नहीं करना चाहिये, स्‍वपन भी देखना चाहिये
  61. योजना ही नहीं बनानी ~चाहिये, विश्‍वास भी करना चाहिये ...

  62. ------------------------------------------------

  63. कोई भी व्‍यक्ति जिसमें न~ तो थोपा गया अनुशासन है
  64. ना ही आत्मा का अनुशासन, वह विकास की राह से 
  65. विमुख हो जाएगा ... 
  66. ------------------------------------------------
  67. मेरे ~लिये वर्तमान ही सब कुछ है... 
  68. भविष्‍य की चिंता ह‍में कायर बना देती है, 
  69. भूत का भार हमारी कमर तोड़ देता है!

  70. ------------------------------------------------
  71. मेरी दृढ़ धारणा है कि तुममें अंधविश्‍वास नहीं है, 
  72. तुममें वह शक्ति विद्ममान है, जो संसार को हिला सकती है .. 

  73. ------------------------------------------------
  74. जिसे अपने में विश्‍वास नहीं, 
  75. उसे अपने भगवान में कभी भी विश्‍वास नहीं हो सकता !!

  76. ------------------------------------------------
  77. संस्‍कारों की भाषा सभ्‍यता की दहलीज़ 
  78. लांघने से पहले हर शब्‍द के आगे 
  79. एक लक्ष्‍मण रेखा खींच देती है !

  80. जिसने स्‍वयं को वश में कर लिया है 
  81. संसार की कोई  शक्ति उसकी विजय को 
  82. पराजय में नहीं ब~दल सकती ... 

  83. ------------------------------------------------


  84. ------------------------------------------------
  85. अपनी योग्‍यता पर सन्‍देह करने वाला व्‍यक्ति 
  86. अपनी शक्तियो ~को घटाता है और इस प्रकार 
  87. असफलता के साथ गठबंधन करता जाता है। 

  88. ------------------------------------------------
  89. गुनाह तो जनसंख्या ~की तरह बढ़ते हैं और सुकर्म बेटियों की तरह 
  90. कभी भी कहीं भी ख़त्म कर दिए जाते हैं .... 
  91. क्या हिसाब ! और क्या किताब !

  92. ------------------------------------------------
  93. हम मौत को बुरा नहीं कहते, 
  94. यदि हम जानते कि वास्‍तव में मरा कैसे जाता है ?

  95. ------------------------------------------------
  96. पुस्‍तकें बहुत खतरनाक होती हैं, 
  97. क्‍योंकि ये आपका ~जीवन बदल सकती हैं  !!!

  98. ------------------------------------------------
  99. जिन्‍दगी तो अपने दम़ पर ही जी जाती है, 
  100. दूसरों के कँधे पर तो सिर्फ़ ज़नाजे़ उठाये जाते हैं !


  101. जिन्‍दगी छल है 
  102. प्रकृति निश्‍छल है 
  103. हम छल से~ भी लेते हैं और सीखते हैं 
  104. निश्‍छल से भी लेते हैं और सीखते हैं ... 
  105. फिर हम प्रयोगवादी आदर्शवादी बन जाते हैं !
  106. हम लेते हुए काट~-छांट करने लगते हैं 
  107. छल से देना स्‍वीकार नहीं होता 
  108. कृत्रिम निश्‍छलता से बस अपने फायदे का लेखा-जोखा करते हैं 
  109. और समाज सुधारक, विचारक बन जाते हैं !


  110. ------------------------------------------------
  111. वाचालों को वाचाल होने दो !
  112. वे इससे अधिक ~और कुछ नहीं जानते  !
  113. उन्‍हें नाम, यश,धन, स्‍त्री से संतोष प्राप्‍त करने दो।

  114. ------------------------------------------------
  115. कभी कभी~ कड़े 
  116. निर्णय भी लेने पड़ते हैं
  117. विरोध के 
  118. स्वर भी सहने होते हैं
  119. निस्वार्थ और विवेक से 
  120. लिए निर्णय भी 
  121. कुछ लोगों को आहत 
  122. कर सकते हैं
  123. निर्णय का उचित 
  124. अनुचित होना 
  125. समय ही सिद्ध करता
  126. तब तक धैर्य रखना 
  127. पड़ता है 
  128. ------------------------------------------------
  129. सर्वश्रेष्ठ बनने की 
  130. आशा में जीने वाले 
  131. इर्ष्या और होड़ को 
  132. धर्म मानने वाले 
  133. समुद्र में पथ से भटके हुए 
  134. ज़हाज जैसे होते
  135. किनारे की तलाश में 
  136. निरंतर भटकते रहते 
  137. किनारा तो मि~लता नहीं 
  138. थक हार कर चुक जाते 
  139. अंत में डूब जाते 
  140.  ------------------------------------------------
  141. धन तो काल के~ साथ ही क्षय हो जाता है, लेकिन 
  142. यशरूपी धन अक्षय है, इसे काल भी नष्‍ट नहीं कर सकता 

  143. ------------------------------------------------
  144. विश्‍वास और प्रेम ~में एक समानता है, दोनों में से 
  145. कोई भी जबरदस्‍ती पैदा नहीं किया जा सकता !!!

  146. ------------------------------------------------
  147. धैर्य की परिभाषा यदि 
  148. खामोशी अख्तियार करना है तो 
  149. इस परिभाषा को बदला जाना चाहिये ! !



  150. प्रेम सबसे करो, भरोसा कुछ पर करो 
  151. और नफ़रत किसी से न करो ... 

  152. ------------------------------------------------
  153. जैसे हमारे विचार होते हैं, ~वैसे ही हमारी शारीरिक स्थिति होती है, अगर हम चाहें कि विचार के विपरीत हमारी शारीरिक स्थिति हो तो ऐसा होना बिल्‍कुल असंभव है .......... 

  154. ------------------------------------------------
  155. दुनिया बदलने के बारे में सभी सोचते हैं, लेकिन 
  156. कोई खुद को बदलने की नहीं सोचता ... 

  157. ------------------------------------------------
  158. वस्‍तुएँ बल से छीनी ~या धन से खरीदी जा सकती हैं, 
  159. किन्‍तु ज्ञान अध्‍ययन से ही प्राप्‍त हो सकता है .... 

  160. ------------------------------------------------
  161. प्रत्‍येक बालक ~यह संदेश लेकर आता है कि 
  162. ईश्‍वर अभी मनुष्‍यों से नाराज़ नहीं हुआ है ... 

  163. ------------------------------------------------
  164. नफ़रत जितनी~ चिंगारियों को बुझाती है, 
  165. प्रेम उससे अधिक चिंगारियां पैदा करता है ... 

  166. ------------------------------------------------
  167. अगर आप आराम की~ जिंदगी चाहते हैं 
  168. तो आपको कुछ परेशानी तो उठानी ही होगी

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