- मनुष्य के सभी कार्य इन सातों में से
- किसी एक व~ज़ह से होते हैं
- मौका, प्रकृति, मजबूरी,आदत
- कारण, जुनून, इच्छा !
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- अपने सपनों को साकार करने का
- सर्वश्रेष्ठ तरीका यही है कि
- आप जाग जायें~ और बिना रूके
- काम करते रहें ....
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- हमारी सबसे बड़ी ~कमजोरी हार मान लेने में है,
- सफल होने का सबसे सटीक तरीका है ,
- एक बार और कोशिश करना ....
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- सफलता खुशी की कुंजी नहीं है,
- खुशी सफलता की कुंजी है
- यदि आप अपने~ काम को
- दिल से करते हैं
- तो जरूर सफल होंगे.
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- खुशियों के बीज़ बोने पड़ते हैं
- दर्द की कँटी~ली बाडि़याँ उग आती हैं खुद-ब-खुद
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- स्वास्थ्य की हानि होने पर न तो प्रेम न ही सम्मान,
- न ही धन-दौलत और न ही बल द्वारा
- ह्रदय की खुशी मिल सकती है।
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- अच्छी बातों का प्रभा~व अच्छा ही पड़े - यह ज़रूरी नहीं,
- अपने नज़रिए से लोग अच्छाई को आडम्बर भी कहते हैं !!!
- आज का सद़विचार ''सच्चा सुख ''
- सच्चा सुख वही~ है जब आप जो सोचें,
- कहें और करें तारतम्य में हो ।
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- जिंदगी की किताब में
- धैर्य के कवर का होना
- बहुत जरूरी है
- बांध के रखता है हर पृष्ठ को !!!
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- क्षमा करने से पिछला समय तो नहीं बदलता,
- लेकिन इससे भविष्य सुनहरा हो उठता है ।
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- पुष्प की सुगंध वायु के विपरीत कभी नहीं जाती,
- लेकिन मानव के सद्गुण की महक सब ओर फैल जाती है।
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- मनुष्य ही परमा~त्मा का सर्वोच्च साक्षात मंदिर है,
- इसलिए साकार देवता की पूजा करो .....
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- मनुष्य मन की शक्ति~यों के बादशाह हैं
- संसार की समस्त शक्तियां उनके सामने नतमस्तक हैं ।
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- त्याग का आदर्श महान है
- और वही जगत ~में कुछ कर सकता है,
- जिसमें त्याग की मात्रा अधिक हो ....
- आज का सद़विचार '' मिठास और स्वाद ''
- खातिरदारी में मि~ठास जरूर है
- मगर उसका ढकोसला करने में
- न तो मिठास है और न स्वाद ।
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- महान उपलब्धियों के लिये ...
- हमें कर्म ही नहीं करना चाहिये, स्वपन भी देखना चाहिये
- योजना ही नहीं बनानी ~चाहिये, विश्वास भी करना चाहिये ...
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- कोई भी व्यक्ति जिसमें न~ तो थोपा गया अनुशासन है
- ना ही आत्मा का अनुशासन, वह विकास की राह से
- विमुख हो जाएगा ...
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- मेरे ~लिये वर्तमान ही सब कुछ है...
- भविष्य की चिंता हमें कायर बना देती है,
- भूत का भार हमारी कमर तोड़ देता है!
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- मेरी दृढ़ धारणा है कि तुममें अंधविश्वास नहीं है,
- तुममें वह शक्ति विद्ममान है, जो संसार को हिला सकती है ..
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- जिसे अपने में विश्वास नहीं,
- उसे अपने भगवान में कभी भी विश्वास नहीं हो सकता !!
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- संस्कारों की भाषा सभ्यता की दहलीज़
- लांघने से पहले हर शब्द के आगे
- एक लक्ष्मण रेखा खींच देती है !
- जिसने स्वयं को वश में कर लिया है
- संसार की कोई शक्ति उसकी विजय को
- पराजय में नहीं ब~दल सकती ...
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- अपनी योग्यता पर सन्देह करने वाला व्यक्ति
- अपनी शक्तियो ~को घटाता है और इस प्रकार
- असफलता के साथ गठबंधन करता जाता है।
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- गुनाह तो जनसंख्या ~की तरह बढ़ते हैं और सुकर्म बेटियों की तरह
- कभी भी कहीं भी ख़त्म कर दिए जाते हैं ....
- क्या हिसाब ! और क्या किताब !
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- हम मौत को बुरा नहीं कहते,
- यदि हम जानते कि वास्तव में मरा कैसे जाता है ?
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- पुस्तकें बहुत खतरनाक होती हैं,
- क्योंकि ये आपका ~जीवन बदल सकती हैं !!!
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- जिन्दगी तो अपने दम़ पर ही जी जाती है,
- दूसरों के कँधे पर तो सिर्फ़ ज़नाजे़ उठाये जाते हैं !
- जिन्दगी छल है
- प्रकृति निश्छल है
- हम छल से~ भी लेते हैं और सीखते हैं
- निश्छल से भी लेते हैं और सीखते हैं ...
- फिर हम प्रयोगवादी आदर्शवादी बन जाते हैं !
- हम लेते हुए काट~-छांट करने लगते हैं
- छल से देना स्वीकार नहीं होता
- कृत्रिम निश्छलता से बस अपने फायदे का लेखा-जोखा करते हैं
- और समाज सुधारक, विचारक बन जाते हैं !
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- वाचालों को वाचाल होने दो !
- वे इससे अधिक ~और कुछ नहीं जानते !
- उन्हें नाम, यश,धन, स्त्री से संतोष प्राप्त करने दो।
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- कभी कभी~ कड़े
- निर्णय भी लेने पड़ते हैं
- विरोध के
- स्वर भी सहने होते हैं
- निस्वार्थ और विवेक से
- लिए निर्णय भी
- कुछ लोगों को आहत
- कर सकते हैं
- निर्णय का उचित
- अनुचित होना
- समय ही सिद्ध करता
- तब तक धैर्य रखना
- पड़ता है
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- सर्वश्रेष्ठ बनने की
- आशा में जीने वाले
- इर्ष्या और होड़ को
- धर्म मानने वाले
- समुद्र में पथ से भटके हुए
- ज़हाज जैसे होते
- किनारे की तलाश में
- निरंतर भटकते रहते
- किनारा तो मि~लता नहीं
- थक हार कर चुक जाते
- अंत में डूब जाते
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- धन तो काल के~ साथ ही क्षय हो जाता है, लेकिन
- यशरूपी धन अक्षय है, इसे काल भी नष्ट नहीं कर सकता
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- विश्वास और प्रेम ~में एक समानता है, दोनों में से
- कोई भी जबरदस्ती पैदा नहीं किया जा सकता !!!
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- धैर्य की परिभाषा यदि
- खामोशी अख्तियार करना है तो
- इस परिभाषा को बदला जाना चाहिये ! !
- प्रेम सबसे करो, भरोसा कुछ पर करो
- और नफ़रत किसी से न करो ...
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- जैसे हमारे विचार होते हैं, ~वैसे ही हमारी शारीरिक स्थिति होती है, अगर हम चाहें कि विचार के विपरीत हमारी शारीरिक स्थिति हो तो ऐसा होना बिल्कुल असंभव है ..........
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- दुनिया बदलने के बारे में सभी सोचते हैं, लेकिन
- कोई खुद को बदलने की नहीं सोचता ...
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- वस्तुएँ बल से छीनी ~या धन से खरीदी जा सकती हैं,
- किन्तु ज्ञान अध्ययन से ही प्राप्त हो सकता है ....
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- प्रत्येक बालक ~यह संदेश लेकर आता है कि
- ईश्वर अभी मनुष्यों से नाराज़ नहीं हुआ है ...
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- नफ़रत जितनी~ चिंगारियों को बुझाती है,
- प्रेम उससे अधिक चिंगारियां पैदा करता है ...
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- अगर आप आराम की~ जिंदगी चाहते हैं
- तो आपको कुछ परेशानी तो उठानी ही होगी
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