सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं
inspirational shayari in hindi new2017
- सपने उन्ही के पूरे होते है,
- जिनके सपनो मे जा~न होती है.
- पँखो से कुछ नही होता,
- ऐ मेरे दोस्त!! होसलो से ही तो उड़ान होती है.
- ...........................................
- क्यों मरते हो बेवफा सनम के लिए….
- एक कद जगह भी नहीं मिलेंगे दफ़न के लिए…
- मरना है तो हि~न्द ये वतन के लिए मरो
- हसीना भी दुपट्टा उतार देगी तुम्हारे कफ़न के लिए …..
- .........................................
- आज़ाद हैं तोह आसमान छु ही आएंगे
- ज़िंदा है तो हर जंग ~जीत जायेंगे
- साथ हैं हम तो दुनिया को दिखा आएंगे
- तिरंगे के तीन रंगों में देश को समा जायेंगे
- ......................................
- गुलाम बनकर जिओगे तो.
- कुत्ता समजकर~ लात मारेगी तुम्हे ये दुनिया
- नवाब बनकर जिओगे तो,
- सलाम ठोकेगी ये दुनिया….
- “दम” कपड़ो में नहीं,
- जिगर में रखो….
- बात अगर कपड़ो में होती तो, सफ़ेद कफ़न में,
- लिपटा हुआ मुर्दा भी “सुल्तान मिर्ज़ा” होता.
- ...............................................
- हर रिश्ते में विश्वास रहने दो;
- जुबान पर हर वक़्त मिठास रहने दो;
- यही तो अंदाज़ है जिंदगी जीने का;
- न खुद रहो उदास, न दूसरों को रहने दो..
- छू ले आसमान ज़मीन की तलाश ना कर,
- जी ले ज़िंदगी खुशी की तलाश ना कर,
- तकदीर बदल जाए~गी खुद ही मेरे दोस्त,
- मुस्कुराना सीख ले वजह की तलाश ना कर.
- ..........................................
- कली बेंच देगें चमन बेंच देगें,
- धरा बेंच देगें गगन बेंच देगें,
- कलम के पु~जारी अगर सो गये तो…
- ये धन के पुजारी वतन बेंच देगें।
- ............................................
- कोन जाने कब मौत का पैगाम आ जाए,
- ज़िंदगी की आखरी शाम आ जाए,
- हमे तो इंतजार है उस शाम का
- जब हमारी~ ज़िंदगी किसी के काम आ जाए..
- ...........................................................
- ज़िंदगी में बार बार सहारा नही मिलता,
- बार बार कोई प्यार से प्यारा नही मिलता,
- है जो पास उसे संभाल के रखना,
- खो कर वो फिर कभी दुबारा नही मिलता…
- .......................................................
- कर्म तेरे अच्छे हे तो
- किस्मत तेरी दासी है!
- नियत तेरी अच्छी है तो
- घर तेरा मथुरा कशी है!
- कागज़ पर रख ~कर खाना खाये तो भी कैसे….
- खून से लथपथ आता है अखबार आजकल!
- ..............................................................
- हर नई सुबह का नया नज़ारा,
- ठंडी हवा लेके आई पैगाम हमारा,
- ~
- जागो,उठो,तैयार हो जाओ,
- खुशियो से भरा रहे आज का दिन तुम्हारा.
- ................................................
- उठा कर तलवार जब घोड़े पे सवार होते
- बाँध के साफ़ा जब तैयार होते
- देखती है दुनिया छत पे चढ़के
- कहते है की काश हम भी ऐसे होशियार होते…
- ......................................................
- कड़ी से कड़ी जोङते जाओ तो जंजीर बन जाती है॥
- मेहनत पे मेहनत करो तो तक़दीर बन जाती है।
- ....................................................
- बनाने वाले ने भी तुझे,
- किसी कारण से ~बनाया होगा,
- छोड़ा होगा जब ज़मीन पर तुझे,
- उसके सीने में भी दर्द तो आया होगा…
- ..............................................
- ज़िंदगी मे अभी तो बहुत चलना बाकी हैं
- अभी तो कई इंतेहनो से गुज़रना बाकी हैं
- हमे लड़ना हे ज़िंदगी की सभी मुश्किलो से
- हमने तो मुठि~ भर ज़मीन नापी हैं
- अभी तो हमे सारा जहाँ नापना बाकी हैं …
- ..............................................................
- उगता हुआ सूरज दुआ दे आपको
- खिलता हुआ फूल खुशबू दे आपको
- हम तो कुछ ~भी देने के काबिल नहीं,
- देनेवाला हज़ार खुशिया दे आपको!
- ............................................................
- सफ़र ज़िंद~गी का बहुत ही हसीन है
- सभी को किसी न किसी की तलाश हैं
- किसी के पास मंज़िल हैं तो राह नही
- और जिसके पास राह हें तो मंज़िल नही
- ..........................................................
- हर पल मे खुशी देती है मा,
- अपनी ज़िंदगी ~से जीवन देती है मा,
- भगवान क्या है!!! मा की पूजा करो जनाब,
- क्यूकी भगवान को भी जनम देती है मा…
- ...................................................
- खुद को ख़ुदा कहा और खुद ही ख़ुदा हो गए,
- रिश्तों की क~शमकश में खुद से जुदा हो गए !
- बांचते रहे तमाम उम्र आईने में अपनी सूरत,
- तन्हा रहे जिंदगी में और भीड़ में ही खो गए !!
- ....................................................
- कुछ उजाले की चकाचौंध से डरते हैं,
- कुछ अँधेरे में परछा~यिओं से डरते हैं,
- हम भी हैं तनहा अपनी रहबर निहारते,
- पर जाने क्यूँ आपकी अंगडायिओं से डरते हैं !
- ...............................................
- कुछ को ख्वाब देख के जीने की आदत है,
- कुछ को मैखाने में पीने की आदत है ,
- हम हैं परेशां दी~वानापन की आदतों से,
- पर जाने क्यों शादी की शहनाईयों से डरते हैं!!
- .........................................................
- इंतजार कर रहा हूँ जुश्तजू जो है ,
- इज़हार भले ही न करूँ आरज़ू तो है ,
- कुछ मोहबत में ~किस्से सुने हैं ऐसे ,
- हम अभी से आपकी तनहायिओ से डरते हैं !!
- ...............................................................
- पलकों को कभी हमने भिगोए ही नहीं,
- वो सोचते हैं की हम कभी रोये ही नहीं,
- वो पूछते हैं कि ख्वा~बो में किसे देखते हो?
- और हम हैं की उनकी यादो में सोए ही नहीं!
- ………………………………………………………
- दिल के सागर मे लहरे उठाया ना करो,
- ख्वाब बनकर नींद चुराया ना करो,
- बहुत चोट लगती~ है मेरे दिल को,
- तुम ख्वाबो में आ कर यू तडपाया ना करो….
- ........................................................
- जिसमे याद ना आए वो तन्हाई किस काम की
- बिगड़े रिश्ते ना बने तो खुदाई किस काम की.
- बेशक इंसान को ऊं~चाई तक जाना है….
- पर जहा से अपने ना दिखे वो उँचाई किस काम की….
- ...........................................................
- Patthar ki duniya jazbaat nahi samjhati,
- dil mein kya hai wo baat nahi samajhati,
- tanha to chaand ~bhi sitaaron ke bhich mein hai,
- par chaand ka dard wo raat nahi samjhati…
- ..............................................................
- पत्थर की दुनिया जज़्बात नही समझती,
- दिल में क्या है वो बात नही समझती,
- तन्हा तो चाँद भी सि~तारों के बीच में है,
- पर चाँद का दर्द वो रात नही समझती…
- ...........................................
-
- ख्वाइस तो~ यही है कि तेरे बाँहों में पनाह मिल जाये |
- शमा खामोस हो जाये और शाम ढल जाये ||
- प्यार इतना करे कि इतिहास बन जाये |
- और तुम्हारी बाँहों से हटने से पहले शाम हो जाये ||
- .............................................
- लोग कहते हैं किसी एक के~ चले जाने से जिन्दगी अधूरी नहीं होती,
- लेकिन लाखों के मिल जाने से उस एक की कमी पूरी नहीं होती है
- .................................................
- कभी पहली बार स्कूल जानेमे ~डर लगता था…आज अकेले ही दुनिया घूम लेते हे ।।
- पहले 1st नंबर लानेके लिए पढ़ते थे, आज कमाने के लिए पढ़ते हें !!
- ~
- गरीब दूर तक चलता हे… खाना खाने के लिए…
- अमीर दूर तक चलता हे … खाना पचाने के लिए …
- कीसी के पास खाने के लि~ये एक वक्त की रोटी नहीं हे …..
- कीसी के पास रोटी खाने के लिए वक़्त ही नहीं हे …
- कोई लाचार हे इस लिए बीमार हे, कोई बीमार हे इस लिये लाचार हे
- कोई अपनों के लिए रोटी~ छोड देता हे, कोई रोटी के लिए अपनों को छोड़ देता हे
- ये दुनीया भी कितनी निराली हे .. कभी वक़्त मीले तो सोचना…
- कभी छोटी सी चोट लगनेपे रोते थे, आज दिल टूट जाने पर भी संभल जाते हें!
- पहेले हम दोस्तों के सहा~रे रहते थे, आज दोस्तों की यादो मे रहते है!
- पहले लड़ना मारना रोज़ का काम था, आज एक बार लड़ते हें तो रिश्ते खो जाते हे!
- सच में जिन्दगीने बहुत कुछ सिखादिया, जाने कब हम को इतना बड़ा बना दिया
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें