Love Hindi shayari Romantic shyari 2017

ना तो इतने कडवे बनो कोई बर्दास्त ना कर सके

और नाही इतने मीठे बनो की कोई निगल जाए
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लाख चाहता हूँ कि तुझे याद ना करूँ….

मगर, इरादा अपनी जगह बेबसी अपनी जगह

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मत चाहो किसी को इतना की बाद में पछताना पड़े..

क्योंकि ये दुनिया दिल से नहीं जरूरत से प्यार करती है

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प्यार करने से पहले पैसे कमा लेना यारो,

गरीब का प्यार अक्सर, चौराहे पर नीलाम हो जाता है

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अधूरी हसरतों का आज भी इलज़ाम है तुम पर,

अगर तुम चाहते तो ये मोहब्बत ख़त्म ना होती

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मेरी हर आह को वाह मिली है यहाँ,

कौन कहता है दर्द बिकता नहीं है

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मर्जी से जीने की बस ख्वाहिश की थी मैंने,

और वो कहते हैं कि खुदगर्ज बन गये हो तुम

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मयखाने से पूछा आज इतना सन्नाटा क्यों है,

बोला साहब लहू का दौर है शराब कौन पीता है।
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एक दिन हम सब दुसरे को यही सोच सोच कर खो देंगे की वो मुझे याद नहीं करते तो हम क्यों याद करे

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रात सुबह का इन्तजार नहीं करती

खुसबू मौसम का इन्तजार नहीं करती

जो ख़ुशी मिले उसका आनन्द लिया करो

क्युकी ज़िन्दगी वक़्त का इन्तजार नहीं करती

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क्रोध और आंधी दोनों बराबर शांत होने के बाद ही पता चलता है कितना नुकशान हुआ

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tum kaho to bikhar jaaenge
Tum Kaho To Bikhar Jaaenge
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जो तुम बोलो तो बिखर जाएंगे

जो तुम बोलो तो सवर जाएंगे
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मगर ये टूटना जुड़ना हमे तकलीफ देता है
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उनकी आँखों में इस कदर का नूर है

उनके ख्यालो में रोना भी मन्जूर है

बेवफा भी नहीं कह सकते उन्हें क्यों की

प्यार तो हमने किया था वो तो बेकसूर है

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Darta Hoon

शांत बैठा हूँ तो ये मत समझना की आग नहीं मेरे अन्दर

डरता हूँ कही समन्दर कम न पड़ जाए आग बुझाने के लिए

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मेरे कलम से लफ्ज़ खो गए सायद

आज वो भी बेवफा हो गाए सायद

जब नींद खुली तो पलकों में पानी था

मेरे ख्वाब मुझपे रो गाए सायद

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तू जरा मेरा हाथ थाम कर तो देख

लोग जल जाएंगे महफ़िल में चिराग की तरह

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क्या कहे बिन तेरे ये ज़िन्दगी है कैसी

दिल को जलाती है ये बेबसी है कैसी

ना कह पते है ना सह पाते है

ना जाने तकदीर में लिखी ये आशकी है कैसी

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देख कर मेरा नशीब मेरी तकदीर रोने लगी

लहू के अल्फाज़ देखकर तहरीर रोने लगी

हिज्र में दीवाने की हालत कुछ ऐसी हुई

सूरत को देखकर खुद तस्वीर रोने लगी


फिर इश्क़ का जूनून चढ़ रहा है सिर पे,

मयख़ाने से कह दो दरवाज़ा खुला रखे

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जहाँ जाके कोई वापस नहीं आता

ना जाने क्यों वहा जाने का दिल चाहता है

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अहसास बदल जाते है बस और कुछ नहीं वरना

मोहब्बत और नफरत एक ही दिल से होती है

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एक अजीब सा मंज़र नजर आता है

हर एक आँख में समुंदर नज़र आता है

कहा रखू शीशे सा दिल अपना

हर किसी के हाथ में पत्थर नज़र आता है

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किताब ऐ इश्क पढ़ रहा था मेरा भी उसमे नाम आया

मैंने अपने पन्ने का नाम खोला किस्मत देखो वही पन्ना फटा आया

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पास आकर दूर चले जाते है

अकेले थे अकेले ही रह जाते है

इस दिल का दर्द दिखाऊ किसको

मलहम लगाने वाले ही ज़ख्म दे जाते है

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मोहब्बत का नतीजा दुनिया में हमने बुरा देखा

जिन्हे दावा था वफा का उन्हें भी हमने बेवफा देखा

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दुश्मन भी मेरे मुरीद है शायद

वक़्त बे वक़्त मेरा नाम लिया करते है

मेरे गली से गुजरते है छुपा के खन्जर

रू-ब-रू होने पर सलाम किया करते है

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लोग अक्सर मुझसे कहते है की बदल गाए हो तुम

मै मुश्कुरा कर कहता हूँ टूटे हुए फूल

का रंग अक्सर बदल जाते है

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मेरे दिल का दर्द किसने देखा है

मुझे बस खुदा ने तड़पते देखा है

हम तन्हाई में बैठे रोते है

लोगो ने हमे महफ़िल में हस्ते हुए देखा है

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इन्कार करते करते इकरार कर बैठे

हम तो एक बेवफा से प्यार कर बैठे

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कभी उदास बैठे हो तो बता देना....

हम फिर से अपना दिल देंगे खेलने के लिए

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वो रोए तो बहुत.. पर मुहं मोड़कर रोए..

कोई तो मजबूरी होगी.. जो दिल तोड़कर रोए..

मेरे सामने कर दिए मेरी तस्वीर के टुकडे़...

पता चला मेरे पीछे वो उन्हें जोड़कर रोए

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Ek Waqt Tha

एक वक्त था ,जब बातें ही खत्म नही होती थी ,

आज सबकुछ खत्म हो गया मगर बात ही नहीं होती

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खुद को माफ़ नहीं कर पाओगे

जिस दिन जिंदगी में हमारी कमी पाओगे

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सुना है तुम ले लेती हो हर बात का बदला..

आजमाएंगे कभी तुम्हारे 💋 होठो को चूम कर

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बड़े शौक से बनाया तुमने मेरे दिल मे अपना घर

जब रहने की बारी आई तो तुमने ठिकाना बदल दिया

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ना जाने क्या था "माँ" की उस "फूँक" में.

हर "चोट" ठीक हो जाया करती थी.

"माँ" की हल्की सी एक "चपत" ज़मीन को.

सारा "दर्द" ही "गायब" कर दिया करती थी .

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हर "चोट" ठीक हो जाया करती थी.

"माँ" की हल्की सी एक "चपत" ज़मीन को.

सारा "दर्द" ही "गायब" कर दिया करती थी .

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कौन कहता है कि.....

मुझसे बिछड़कर वो खुश़ है...

जरा उसके सामने मेरा नाम लेकर तो देखो

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उतर जाते है दिल मै कुछ लोग इस कदर,

उनको निकालो तो जान निकल जाती है

तेरे गम को अपनी रूह में उतार लूँ

ज़िन्दगी तेरी चाहत में सवार लूँ

मुलाकात हो तुझ से कुछ इस तरह

तमाम उम्र बस एक मुलाकात में गुजार लूँ

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Tujhse Naraz Nahi

उदास हूँ पर तुझसे नाराज़ नहीं,

तेरे दिल में हूँ पर तेरे पास नहीं,

झूठ कहूँ तो सब कुछ है मेरे पास,

और सच कहूँ तो तेरे सिवा कुछ नहीं

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Log Puchte Hai Kya Karte Ho

लोग पूछते हैं मैं क्या करता हूँ

उन्हें क्या बताऊँ..

मोहब्बत की थी अब रोज़ मरता हूँ

"क्या लिखूँ अपनी जिंदगी के बारे में

वो लोग ही बिछड़ गए

जो जिंदगी हुआ करते थे

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जो जिंदगी हुआ करते थे

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अजीब खेल है ये मोहब्बत का,

किसी को हम न मिले !

और कोई हमें न मिला

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टूट कर चाहना और फिर टूट जाना

बात छोटी है मगर जान निकल जाती है

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अंदर से तो कब के मर चुके है हम,

ए मौत तू भी आजा लोग सबूत मांगते है

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रिश्ते और रास्ते तब खत्म हो जाते है

जब पाँव नही दिल थक जाते है

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वो जिस दिन करेगा याद मेरी मोहब्बत को...

रोयेगा बहुत खुद को बेवफा कह कर

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ईश्क अगर अधुरा रह जाऍ तो खुद पर नाज करना

कहते है सच्ची मोहब्बत पुरी नही होती
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मेरी हर बात समझ जातें हो तुम,

फिर भी क्युँ मुझे सताते हो तुम

तुम बिन कोई और नहीं मेरा,

शायद इसी बात का फ़ायदा उठाते हो तुम

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क्या खूब मजबूरिया थी मेरी भी

अपनी खुशी को छोड़ दिया

उसे खुश देखने के लिए

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करो दिलसे सजदा तो इबादत बनेगी,

मॉ बाप की सेवा अमानत बनेगी...,

खुलेगा जब तुम्हारे गुनाहों का खाता,

तो मॉ बाप की सेवा जमानत बनेगी

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कभी रो के मुस्कुराए, कभी मुस्कुरा के रोए,

जब भी तेरी याद आई तुझे भुला के रोए,

एक तेरा ही तो नाम था जिसे हज़ार बार लिखा,

जितना लिख के खुश हुए उस से ज़यादा मिटा के रोए

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तेरे लिए ही मां मैं जन्नत से आई हूं ,

सच तो ये है माँ मैं तेरी ही परछाई हूं

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अब सज़ा दे ही चुके हो तो मेरा हाल ना पूछना,

अगर मैं बेगुनाह निकला तो तुम्हे अफ़सोस बहुत होगा

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बे पनाहा मोहब्बत मां ने की....

बाप ने भी उगली पकड कर चलना सिखाया...

जिन कन्दो पर की कभी सवारी,

उन कन्दो को भुलाते लोगों को देखा है...

जीते जी कभी पुछा नही

मरने के बाद उनके लिऐ रोते देखा है

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वक्त रहते संभाल लो मुझे कही

तुम मुझे खो दो और तुम्हे खबर भी न हो

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एक चाहने वाला ऐसा हो...

जो बिल्कुल तेरे जैसा हो.


ममता की तारीफ़ ना पूछो ,

चिड़ियाँ साँप से लड़ जाती है

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बहुत रोका लेकिन रोक ही नहीं पाया,

मुहब्बत बढ़ती ही गयी मेरे गुनाहों की तरह

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कुछ लोग कहते है की बदल गया हूँ मैं,

उनको ये नहीं पता की संभल गया हूँ मैं,

उदासी आज भी मेरे चेहरे से झलकती है

पर अब दर्द में भी मुस्कुराना सीख गया हूँ मैं

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ना हीरो की तमन्ना है और ना परियो पे मरता हूँ

वो एक भोली सी लड़की है जिससे मे मोहब्बत करता हूँ

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फूलों की शुरुआत कली से होती है;

जिंदगी की शुरुआत प्यार से होती है;

प्यार की शुरुआत अपनों से होती है;

और अपनों की शुरुआत आप से होती है!

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नसीब की बारिश कुछ इस तरह से होती रही मुझ पे...

ख्वाहिशे सुखती रही और पलके भीगती रही

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नही छोड़ी कमी किसी भी

रिश्ते को निभाने में मैंने कभी...

आने वाले को दिल का रास्ता भी दिया

और जाने वाले को रब का वास्ता भी दिया

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बडी अजीब मुलाकातें होती थी हमारी,

वो किसी मतलब से मिलते थे

और हमे तो सिर्फ मिलने से मतलब था

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माँ बाप की लाइफ गुजर जाती है बेटे की लाइफ बनाने में

और बेटा फेसबुक में पोस्ट करता है 'माय वाइफ इज माय लाइफदिल करता है की लिपट जाऊँ रूह बन कर तेरे जिस्म से

कि जब तू मुझ से जुदा हो तो मेरी जान निकल जाये
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ज़िंदगी नहीं रुकती किसी के बगैर..

बस उस शख्स की जगह हमेशा खाली रह जाती है

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acchi baaten dil todte hai jo
Dil Todte Hai Jo

दिल तोड़ते हैं जो दुनिया में किसी का !

कहते हैं क़बूल उनकी इबादतें भी नहीं होती !!

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मुझे उसकी ये नादान अदा खूब भाती हैं,

नाराज़ मुझसे होती हैं और गुस्सा सबको दिखाती हैं

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अब तेरी कोई वजह नही यहां रहने की

चल छोड सब को, तेरी सरहद आ गई गम सहने की

मैं आपकी नज़रों से नज़र चुरा लेना चाहती हूँ,

देखने की हसरत है बस देखते रहना चाहती हूँ


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वो वक़्त वो लम्हे कुछ अजीब होंगे

दुनिया में हम खुश नसीब होंगे

दूर से जब इतना याद करते है आपको

क्या होगा जब आप हमारे करीब होंगे

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दिल की किताब में गुलाब उनका था

रात की नींद में ख्वाब उनका था

कितना प्यार करते हो जब हमने पूछा

मर जायंगे तुम्हारे बिना ये जबाब उनका था.

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उनका भी कभी हम दीदार करते है

उनसे भी कभी हम प्यार करते है

क्या करे जो उनको हमारी जरुरत न थी पर

फिर भी हम उनका इंतज़ार करते है
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जरूर एक दिन वो शख्स तड़पेगा हमारे लिए...

अभी तो खुशियाँ बहोत मिल रही है उसे मतलबी लोगो से.

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जब कोई ख्वाब अधुरा रह जाते हैं !

तब दिल के दर्द आंसु बनकर बाहर आते हैं

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मोहब्बत करने वालों की कमी नहीं है दुनिया में,

अकाल तो निभाने वालों का पडा है साहब!!!

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Kabhi Nahi Darta

पेड़ की शाखा पर बैठा पंछी कभी भी इसलिए

नहीं डरता कि डाल हिल रही है।

क्योंकि पंछी डाल पर नहीं अपने पंखों पर

भरोसा करता है

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चेहरे की हंसी से गम को भुला दो

कम बोलो पर सब कुछ बता दो

ख़ुद ना रूठो पर सबको हंसा दो

यही राज है जिन्दगी का

जियो और जीना सिखा दो

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उन्हें चाहना हमारी कमजोरी है

उनसे कह नही पाना हमारी मजबूरी है

वो क्यूँ नही समझते हमारी खामोशी को

क्या प्यार का इज़हार करना जरूरी है

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कुछ मतलब के लिए ढूँढते हैं मुझको

बिन मतलब जो आए तो क्या बात है

कत्ल कर के तो सब ले जाएँगे दिल मेरा

कोई बातों से ले जाए तो क्या बात है

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रात क्या ढली सितारे चले गए

गैरों से क्या शिकायत जब हमारे चले गए

जीत सकते थे हम भी इश्क़ की बाज़ी

पर उनको जिताने की धुन में हम हारे चले गए

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डरते है आग से कही जल न जाये

डरते है ख्वाब से कहीं टूट न जाये

लेकिन सबसे ज़्यादा डरते है आपसे

कहीं आप हमें भूल न जाये।
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सब कुछ है मेरे पास पर दिल की दवा नहीं

दूर वो मुझसे हैं पर मैं खफा नहीं

मालूम है अब भी वो प्यार करते हैं मुझसे

वो थोड़ा सा जिद्दी है, मगर बेवफा नहीं
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मंजिले बहुत है और अफ़साने भी बहुत है,

जिंदगी की राह में इम्तिहान भी बहुत है,

मत करो दुःख उसका जो कभी मिला नही

दुनिया में खुश रहने के बहाने भी बहुत है

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Afsana Dil Ka

होंठ कह नहीं सकते जो फ़साना दिल का

शायद नज़रों से वो बात हो जाए

इस उम्मीद से करते हैं इंतज़ार रात का

कि शायद सपनों में ही मुलाक़ात हो जाए

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काश वो नगमें हमें सुनाए ना होते

आज उनको सुनकर ये आंसू ना आए होते

अगर इस तरह भूल जाना ही था

तो इतनी गहराई से दिल में समाए ना होते।

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वफा के बदले बेवफाई ना दिया करो

मेरी उम्मीद ठुकरा कर इंकार ना किया करो

तेरी मोहब्बत में हम सब कुछ खो बैठे

जान चली जायेगी इम्तिहान ना लिया करो

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तन्हाई मेरे दिल में समाती चली गयी,

किस्मत भी अपना खेल दिखाती चली गयी,

महकती फ़िज़ा की खुशबू में जो देखा प्यार को,

बस याद उनकी आई और रुलाती चली गयी

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लोग जलते रहे मेरी मुस्कान पर

मैंने दर्द की अपने नुमाईश न की

जब जहाँ जो मिला अपना लिया

जो न मिला उसकी ख्वाहिश न की

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परों को खोल ज़माना उड़ान देखता है

ज़मीं पे बैठ के क्या आसमान देखता है

मिला है हुस्न तो इस हुस्न की हिफाज़त कर

संभल के चल तुझे सारा जहान देखता है

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मैंने रब से कहा वो छोड़ के चली गई

पता नहीं उसकी क्या मजबूरी थी

रब ने कहा इसमें उसका कोई कसूर नहीं

यह कहानी तो मैंने लिखी ही अधूरी थी

एक दिन हम तुम से दूर हो जायेंगे

अंधेरी गलियों में यूं ही खो जायेंगे

आज हमारी फिक्र नहीं है आपको

कल से हम भी बेफिक्र हो जायेंगे

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दुःख में ख़ुशी की वजह बनती है मोहब्बत

दर्द में यादों की वजह बनती है मोहब्बत

जब कुछ भी अच्छा ना लगे हमें दुनिया में

तब हमारे जीने की वजह बनती है मोहब्बत

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सोचा याद न करके थोड़ा तड़पाऊं उनको

किसी और का नाम लेकर जलाऊं उनको

पर चोट लगेगी उनको तो दर्द मुझको ही होगा

अब ये बताओ किस तरह सताऊं उनको

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कुछ चेहरे भुलाए नहीं जाते

कुछ नाम दिल से मिटाए नहीं जाते

मुलाक़ात हो न हो, अय मेरे यार

प्यार के चिराग कभी बुझाए नहीं जाते

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भुला कर हमें क्या वो खुश रह पाएंगे

साथ में नही तो मेरे जाने के बाद मुस्कुरायेंगे

दुआ है खुदा से की उन्हें कभी दर्द न देना

हम तो सह गए पर वो टूट जायेंगे

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भुला के मुझको अगर तुम भी हो सलामत

तो भुला के तुझको संभलना मुझे भी आता है

नहीं है मेरी फितरत में ये आदत वरना

तेरी तरह बदलना मुझे भी आता है

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आपके हुस्न कि तारीफ में

सोचता हूँ कुछ अल्फाज लिखूं

लिखा ना हो जो अब तक

किसी ने ऐसा कुछ आज लिखूं

गीत लिखूं या गजल लिखूं ,

शायरी लिखूं या कलाम लिखूं

लिखने को बेचैन हूँ ,

पर समझ ना आए क्या लिखूं

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बादलों में छुप रहा है चाँद क्यों

अपने हुस्न की शोखियों से पूछ लो

चांदनी पड़ी हुई है मंद क्यों

अपनी ही किसी अदा से पूछ लो.

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हंसाने के बाद क्यों रुलाती है दुनिया

जाने के बाद क्यों बुलाती है दुनिया

जिंदगी में क्या कोई कसर बाकी है

जो मर जाने के बाद भी जलाती है दुनिया

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मेरी साँसों में बिखर जाओ तो अच्छा है

बन के रूह मेरे जिस्म में उतार जाओ तो अच्छा है

किसी रात तेरी गोद में सिर रख कर सो जाओं मैं

उस रात की कभी सुबह ना हो तो अच्छा है

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मोहब्बत मुक़द्दर है एक ख्वाब नहीं

ये वो अदा है जिसमे सब कामयाब नहीं

जिन्हें पनाह मिली उन्हें उँगलियों पर गिन लो

मगर जो फना हुए उनका कोई हिसाब नहीं

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मुझे घमंड था की मेरे चाहने

वाले बहुत है इस दुनिया में,

बाद में पता चला की सब चाहते है

अपनी ज़रूरत के लिए.
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दुनिया में तेरा हुस्न मेरी जां सलामत रहे

सदियों तलक जमीं पे तेरी कयामत रहे

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तुम्हारा हुस्न आराइश.तुम्हारी सादगी जेवर,

तुम्हें कोई जरूरत ही नहीं बनने-संवरने की



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ये हुस्न-ए-राज़ मुहब्बत छुपा रहा है कोई

है अश्क आँखों में और मुस्कुरा रहा है कोई

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ये कैसी मोहब्बत है की मै किस खुमार में हूँ

वो आके जा चुकी है मै अब भी इंतजार मे हूँ

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कितने अनमोल होते है अपनों के रिश्तें,

कोई याद ना करे तो भी इंतज़ार रहेता है

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तेरे इंतज़ार का ये आलम है,

तड़प्ता है दिल आखें भी नम है,

तेरी आरज़ू में जी रहे है,

वरना जीने की ख्वाहिश कम है.

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इन्तज़ार करेंगे उन पलो का हम भी बेचैनी से जब तेरे फ़ैसले तुझ तडपायेंगे बहुत

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बेवफाई उसकी दिल से मिटा के आया हूँ

ख़त भी उसके पानी में बहा के आया हूँ

कोई पढ़ न ले उस बेवफा की यादों को

इसलिए पानी में भी आग लगा कर आया हूँ

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मैं अगर खत्म भी हो जाऊँ इस साल की तरह

तुम मेरे बाद भी संवरते रहना नए साल की तरह

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झूम जाते हैं शायरी के लफ्ज़ बहार के पत्तों की तरह,

जब शुरू होता है बयां ए हुस्न महबूब का मेरे.

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गजब का जुल्म ढाया खुदा ने हम दोनों के उपर

मुझे भरपुर इस्क दे कर तुम्हें बेइन्तहा हुस्न दे कर

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आइने में वो देख रहे थे बहारे हुस्न आया मेरा ख़्याल तो शर्मा के रह गऐ

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इंतजार रहेगा तु आ ना आ,इरादे का पक्का हूँ ऊपर से आशिक भी तेरा हूँ.

सीने से लगा के सुन वो धड़कन जो तुझसे मिलने के इंतजार में है

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अच्छे वक़्त का इंतजार हम नही करते

हम तो बुरे वक़्त को भी अच्छे मे बदलने की औक़ात रखते है.

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इंतजार करने वालो को उतना ही मिलता है,

जितना कोशिश करने वाले छोड़ देते है.

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क्या माँगु खुदा से आप को पाने के बाद

किसका करू इंतेज़ार ज़िंदगी मे आपके आने क बाद

क्यू प्यार पे जान लूटते हैं लोग,

आज मालूम हुआ हैं आप को पाने के बाद.

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प्यार भी हम करें, इन्तजार भी हम, जताये भी हम और रोयें भी हम.!!


दुआ कभी खाली नही जाती

बस लोग इन्तजार नही करते

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मैं आज भी तेरा इन्तजार कर रहा हूँ,

बस एक बार लौट आओ मेरे पास !!

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जो सफर की शुरुआत करते हैं,

वे मंजिल भी पा लेते हैं बस,

एक बार चलने का हौसला रखना जरुरी है.

क्योंकि,अच्छे इंसानों का तो रास्ते भी इन्तजार करते है

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हम तो इन्तेजार करते करते अब मर जायेंगे

कोइ तो आये ऐसा जिन्दगी में जो बेवफा ना हो

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कुछ अच्छा होने पे जो इन्सान सबसे पहले याद आता है वो ज़िन्दगी का सबसे कीमती इन्सान होता है

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निकले हम दुनिया की भीड़ में तो पता चला

की हर वो शख्स अकेला है जिस जिसे ने मोहब्बत की है

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तुम पुकार लो, तुम्हारा इन्तज़ार है

ख़्वाब चुन रही है रात, बेक़रार है

तुम्हारा इन्तज़ार है

होंठ पे लिये हुए दिल की बात हम

जागते रहेंगे और कितनी रात हम

मुख़्तसर सी बात है, तुमसे प्यार है

तुम्हारा इन्तज़ार है...

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साल पे साल आते गए ,कलेंडर बदलते गए

पर इस दिल को देखो ,

पागल है आज भी तुम्हारा इन्तजार करता है

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शाम कब की ढल चुकी है तेरे इन्तज़ार में

अब भी अगर आ जाओ तो ये रात बहुत है

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मेरी बराबरी ना कर दोस्त,मेरे स्टेटस का  इन्तजार तो तेरी वालीभी करती है!

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हालात कह रहें अब वो याद नही करेगा और उम्मीद कह रही है बस थोडा और इन्तजार

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शोक नही रहा अब हमे इश्क मोहबब्त का...

वरना आज भी गाँव की गौरी पनघट पे और

शहर की छोरी ट्यूशन पे हमारा इन्तजार करती है

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इन्तज़ार करेंगे उन पलो का हम भी बेचैनी से जब तेरे फ़ैसले तुझ तडपायेगे बहुत

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ज़रा सी फुर्सत निकाल कर हमारा क़त्ल ही कर दो

यूँ तेरे इन्तजार में तड़प-तड़प के मरना हमसे नहीं होता.

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मैंने वो खोया जो मेरा कभी था ही नहीं

लेकिन तुमने वो खोया जो सिर्फ तुम्हारा था

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किसी के इन्तेजार की तलब जरूरी है.

वर्ना वक्त गुजरता जरूर है कटता नही

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जब हो जाये मेरी मोहब्बत पे एतबार

तो लौट आना हम आज भी तेरे इन्तजार में हैं

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तेरे वादों पे ऐतबार किया

उम्र भर तेरा इन्तजार किया

अपनें दिल के उदास आंगन में

तेरी यादों को यादगार किया

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तेरी मोहब्बत पे मेरा हक तो नहीं

पर दिल चाहता है आखरी साँस तक तेरा इंतज़ार करू

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कितना नादान है ये दिल कैसे समझाऊ

तू जिसे खोना नहीं चाहता हो तेरा होना नहीं चाहता

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जाने उस शख्स को कैसा हुनर आता है

रात होते ही आँखों में उतर जाता है

मै उसके खयालो से बच के कहा जाऊ

वो मेरी हर सोच के रास्ते पे नज़र आता है

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रात हुई जब शाम के बाद

तेरी याद आई हर बात के बाद

हमने खामूश रहकर भी देखा

तेरी आवाज़ आई हर साँस के बाद

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चलो आज खामोश प्यार को एक नाम दे दे

अपनी मोहब्बत को एक प्यारा इंजाम देदे

इससे पहले की कही रूठ ना जाए मौसम

अपने धडकते हुए अरमानों को सुरमई शाम दे दे

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शायरी उसी के लबों पर सजती है साहिब....

जिसकी आँखों में इश्क़ रोता हो ..!!!

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पूछ रही है आज मेरी हर शायरी मुझसे ....

कहाँ गए वो दीवाने जो वाह वाह किया करते थे ...!!

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दो लाइन दोस्तों⥁ के नाम- वातावरण को जो महका दे उसे 'इत्र' कहते हैं, जीवन को जो महका दे उसे 'मित्र' कहते है|

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हमारे हर सवाल का सिर्फ एक ही जवाब आया,

पैगाम जो पहूँचा हम तक बेवफा इल्जाम आया।

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जिस किसीको ⥀भी चाहो वोह बेवफा हो जाता है,
सर अगर झुकाओ तो सनम खुदा हो जाता है,
जब तक काम आते रहो हमसफ़र कहलाते रहो,
काम निकल जाने पर हमसफ़र कोई दूसरा हो जाता है…

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जिस किसीको भी चाहो वोह बेवफा हो जाता है,
सर अगर झुकाओ तो सनम खुदा हो जाता है,
जब तक काम आते रहो हमसफ़र कहलाते रहो,
काम निकल जाने पर हमसफ़र कोई दूसरा हो जाता है
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उनके साथ ⥁जीने का एक मौका दे दे ऐ खुदा

तेरे साथ तो हम मरने के बाद भी रह लेंगे

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मेरे अश्को से तू अपना दामन साफ कर

अकेले तड़पता हूँ ऐ खुदा इन्साफ कर

उनकी बेवफाई में कुछ राज छुपा है

मेरे खुदा तू उनके हर गुनाह माफ़ कर
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इन पलकों में ⤪कैद कुछ सपने है

कुछ बेगाने है कुछ अपने है

ना जाने कैसी कशिश है इन ख्यालो में

कुछ लोग दूर होकर भी कितने अपने है

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रब किसी को किसी पर फ़िदा ना करे

करे तो कयामत तक जुदा ना करे

ये माना की कोई मरता नहीं जुदाई में

लेकिन जी भी⤭ नहीं पाता तन्हाई में

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शायरी शॊक नहीं और ना ही कारोबार मेरा.!

बस दर्द जब सह नहीं पाती तो लिख लेती हूँ.!

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सब तेरी मोहब्बत की इनायत है,

वरना मैं क्या मेरा दिल क्या मेरी शायरी क्या L
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जीत रही हूँ लाखो लोगो का दिल ये दो शायरी करके,,,

लेकिन लोगो को क्या पता अंदर से कितनी अकेली हूँ...!!!

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आओ नफरत ⤒का किस्सा,

दो लाइन में तमाम करें,

मुहब्बत जहाँ भी मिले,

उसे झुक के सलाम करें

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तुम समझ लेना⤒ बेवफा मुझको, मै तुम्हे मगरूर मान लूँगा

ये वजह अच्छी होगी , एक दूसरे को भूल जाने के लिये

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हुस्न वाले जब तोड़ते हैं दिल किसी का,

बड़ी सादगी से कहते है #मजबूर थे हम


गुरुर-ए-हुस्न की⤈ मदहोशी में, उनको ये भी नहीं खबर

कौन चाहेगा सिवा मेरे, उनको उम्र ढल जाने के बाद

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हुस्न पर जब भी मस्ती छाती है,तब शायरी पर बहार आती है

पीके महबूब के बदन की शराब, जिंदगी झूम-झूम जाती है

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आँखों में दोस्तो ⤒जो पानी है हुस्न वालों की ये मेहरबानी है

आप क्यों सर झुकाए बैठे हैं क्या आपकी भी यही कहानी है

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ना रहेगा निशान, जहां तू कभी मौजूद था

मानो जैसे तेरी ना कोई हस्ती थी, ना ही कोई वजूद था

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यहॉ तो सब कुछ दिखावा होता है

बांटता है ना कोई दुख, ना कोई किसि के लिये रोता है

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पाया क्या है तूने यहॉ, जो खो जाएगा

जागेगा ना⟾ कोई तेरी याद मे, सारा जहां सो जाएगा

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हम दोनों डरते थे एक दुसरे से बात करने में

मुझे इश्क था इसलिए उसे इश्क ना हो जाए इस लिए

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हमारी ज़िन्दगी में भी आया था कोई वफा करने

बस थोड़ी जल्दी में था चला गया

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साथ अगर दोगे तो मुस्कुराएंगे ज़रूर;

प्यार अगर⟾ दिल से करोगे तो निभाएंगे ज़रूर;

कितने भी काँटे क्यों ना हों राहों में;

आवाज़ अगर दिल से दोगे तो आएंगे ज़रूर

तेरे हुस्न पर तारीफ भरी किताब लिख देता

काश के ⟾तेरी वफ़ा तेरे हुस्न के बराबर होती

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दिल्लगी नहीं शायरी जो किसी हुस्न पर बर्बाद करें

यह तो एक शमा है जो उस नूर का पयाम है.

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जो फुर्सत ⟾मिले तो मुड़कर देख लेना मुझे एक दफ़ा

तेरे हुस्न से घायल होने की चाहत मुझे आज भी है

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तुम मेरे ⟾पास रहे ये जरूरी तो नहीं

बस जहा भी रहो मेरा ही रहना

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अपने हो जाते है पराए एक पल में

आज तू ⟾हक़िक़त है, समा जाएगा तेरा नाम भी कल मे

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ना था तेरा कोई, ना तू किसिका अपना था

समझ बैठा जिसे तू सच, वो तो खैर एक सपना था

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एक दिन यमराज आए मेरे सपनों मे

ठंडी आवाज मे बोले, चल बहुत रह लिया अपनो मे

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इतने बेवफा नहीं की हम तुम्हे भूल जाए

अक्सर चुप ⟷रहने वाले प्यार बहुत करते है

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किसे मालूम था ⟷इश्क इस कदर लाचार करता है

दिल जानता है वो बेवफा है फिर भी उसी से प्यार करता है

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दिल की बात दिल में छुपा लेते हैं वो,

हमको देख कर⟶ मुस्कुरा देते हैं वो,

हमसे तो सब पूछ लेते हैं,

पर हमारी ही बात हमसे छुपा लेते हैं वो

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दिल की ⤔हसरत मेरी ज़ुबान पे आने लगी;

तुमने देखा और ये ज़िन्दगी मुस्कुराने लगी;

ये इश्क़ के इन्तहा थी या दीवानगी मेरी;

हर सूरत में मुझे सूरत तेरी नज़र आने लगी।

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प्यार क⟿र के कोई जताए ये ज़रूरी तो नहीं,

याद कर के कोई बताये ये ज़रूरी तो नहीं,

रोने वाले तो दिल में ही रो लेते हैं,

किसी की आँख में आसूं आये ये ज़रूरी तो नहीं

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Pyar Wo Hai Jisme Chacchai Ho

प्यार वो है जिसमे सच्चाई हो;

साथी की हर बात का एहसास हो;

उसकी हर अदा पर नाज़ हो;

दूर रह कर भी पास होने का एहसास हो।

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तकदीर बना⟿ने वाले, तूने भी हद कर दी;

तकदीर में किसी और का नाम लिखा था;

और दिल में चाहत किसी और की भर दी!

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क्यों ना सजा मिलती हमे मोहब्बत में आखिर

हमने भी बहुत दिल तोड़े थे उस शख्स की खातिर

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किसी ने मुझसे पूछा कैसी है अब जिंदगी

मैने मुस्कुरा कर जवाब दिया वो खुश है

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मै नही जानता ये मोहब्बत है.....या कुछ और..

बस तेरी मुस्कुराहट से दिल को सूकून मिलता है

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उसने मुज⤁ से पुछा..मेरे बिना रह लोगे

सांस रुक गई..और उन्हें लगा..हम सोच रहे है

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रह गई हमारी अधूरी कहानी...

Don't WorrY

अभी तो बहुत है जवानी

पटाएगे फीर एक रानी

फिर लिखी जाएगी Is HerO की नई प्रेम कहानी


दिल लगता नहीं है अब तुम्हारे बिना,

खामोश से रहने लगे है तुम्हारे बिना,

जल्दी लौट के आओ अब यही चाह है,

वरना जी ना पाएँगे तुम्हारे बिना

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इश्क है वही जो हो एक तरफा;

इजहार है इश्क तो ख्वाईश बन जाती है;

है अगर इश्क तो आँखों में दिखाओ;

जुबां खोलने से ये नुमाइश बन जाती है

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वक़्त तो दो ही कठिन गुजरे है सारी उम्र में,

इक तेरे आने के पहले इक तेरे जाने के बाद।

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तुझे भूलकर भी न भूल पायेगें हम!

बस यही एक वादा निभा पायेगें हम!

मिटा देंगे खुद को भी जहाँ से लेकिन!

तेरा नाम दिल से न मिटा पायेगें हम!
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जब तक तुम्हें न देखूं!

दिल को करार नहीं आता!

अगर किसी गैर के साथ देखूं!

तो फिर सहा नहीं जाता!

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कैसे ना मर मिटु उस पर यारों, कोई तो बताना

पगली रूठ कर भी कहती है, सुनो संभल के जाना

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ऐ "चाँद" तू दो चार दिन कि "छुटृी" ले ले....

उन्होने" मेरे शहर मे रुकने का "मन" बना लिया है

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➽दूरी ने कर दिया है तुझे और भी क़रीब,

➽तेरा ख्याल आकर ना जाए तो क्या करूँ

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➽मेरी FECBOOK का PASSWORD हो  तुम

➽दोबारा मत पूछना मेरी कोन हो तुम !!

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➽हमने प्रेम किया उसने गेम किया...

➽इसलिए हमने Decide किया है, इसके आगे से

➽प्रेम भी हम ही करेंगे

➽और गेम भी हम ही करेंगे....



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