ज़िन्दगी Hindi Shayari Latest Hindi


  1. मंजिल तो मिल ही जाएगी, भटक के ही सही;
  2. गुमराह तो वो हैं जो घर से निकले ही नहीं!
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  4. एक ही गलती हम सारी उम्र करते रहे;
  5. धूल चेहरे पे~ थी; 
  6. और हम आइना साफ़ करते रहे!
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  8. सारी उम्र अधुरा रहा मैं, जब सांस रुकी लोग कहते पूरा हो गया!
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  10. आपके आने से ज़िन्दगी कितनी खूबसूरत है!
  11. दिल में बसाई है ~जो वो आपकी ही सूरत है!
  12. दूर जाना नहीं हमसे कभी भूलकर भी!
  13. हमे हर कदम पर आपकी ज़रूरत है!
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  15. कल फुर्सत न मिली तो क्या होगा!
  16. इतनी मोहलत ~न मिली तो क्या होगा!
  17. रोज़ कहते हो कल मिलेंगे, कल मिलेंगे!
  18. कल मेरी आँखे न खुली तो क्या होगा!
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  20. तुम खफा हो गए तो कोई ख़ुशी न रहेगी!
  21. तेरे बिना चिरागों ~में रोशनी न रहेगी!
  22. क्या कहे क्या गुजरेगी दिल पर!
  23. जिंदा तो रहेंगे पर ज़िन्दगी न रहेगी!
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  25. कशिश होनी चाहिए किसी को याद करने की!
  26. लम्हे तो अपने आप मिल जायेंगे!
  27. वक़्त होना चाहिए ~किसी को मिलने का!
  28. बहाने तो अपने आप मिल जायेंगे!
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  30. ज़िन्दगी से पूछिये ये क्या चाहती है!
  31. बस एक आपकी व~फ़ा चाहती है!
  32. कितनी मासूम और नादान है ये!
  33. खुद बेवफा है और वफ़ा चाहती है!
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  35. हंसरते रह जायेगी आपके बिना अधूरी!
  36. ज़िन्दगी न होगी !आपके बिना पूरी!
  37. अब और सही जाये न यह दूरी!
  38. जीने के लिये आपका साथ है बहुत ज़रूरी!
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  40. कोशिश करो की कोई हम से न रूठे!
  41. जिन्दगी में अपनों का साथ न छूटे!
  42. रिश्ते कोई भी हो~ उसे ऐसे निभाओ!
  43. कि उस रिश्ते की डोर ज़िन्दगी भर न छूटे!
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  45. फिर न सिमटेगी अगर दोस्ती बिखर जायेगी!
  46. ज़िन्दगी जुल्फ नहीं जो फिर से संवर जायेगी!
  47. जो ख़ुशी दे तुम्हें थाम लो दामन उसका!
  48. ज़िन्दगी रो कर नहीं हंस कर गुज़र जायेगी!
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  50. जिंदगी की किताब के कुछ पन्ने होते है!
  51. कुछ अपने और कुछ बेगाने होते हैं!
  52. प्यार से संव~र जाती है जिंदगी!
  53. बस प्यार से रिश्ते निभाने होते है !
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  55. भरी महफिल में तन्हा मुझे रहना सिखा दिया !
  56. तेरे प्यार ने दुनिया को झूठा कहना सिखा दिया !
  57. किसी दर्द या ख़ुशी !का एहसास नहीं है अब तो !
  58. सब कुछ ज़िन्दगी ने चुप -चाप सहना सिखा दिया !
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  60. ज़िन्दगी जैसे एक सज़ा सी हो गयी है !
  61. ग़म के सागर में कुछ इस कदर खो गयी है !
  62. तुम आ जाओ वापि!स यह गुज़ारिश है मेरी !
  63. शायद मुझे तुम्हारी आदत सी हो गयी है !
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  65. साथ रहते रहते वक़्त गुज़र जाएगा!
  66. दूर होने के बाद कौन किसे याद आएगा!
  67. जी लो ये पल जब तक हम साथ है!
  68. कल का क्या पता हम हो न हो!
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  70. धीरे धीरे दिल ने धड़कना सीखा!
  71. धीरे धीरे दिल ने सम्भलना सीखा!
  72. धीरे धीरे हर राह पर चलना सीखा!
  73. और धीरे धीरे हर मौसम में हमने हंसना सीखा!

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  75. दर्द इतना था ज़िन्दगी में की;
  76. धड़कन भी साथ देने से घबरा गयी!
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  78. वक्त कहता है कि फिर नहीं आऊंगा;
  79. तेरी आँखों को अब न रुलाऊंगा!
  80. जीना है तो इस पल को जी ले;
  81. शायद मैं कल तक न रुक पाऊंगा!
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  83. रख हौसला वो मंजर भी आयेगा;
  84. प्यासे के पास चल के समुन्दर भी आयेगा!
  85. थक कर न बैठ ऐ मंजिल के मुसाफिर;
  86. मंजिल भी मिलेगी और मिलने का मज़ा भी आयेगा!
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  88. एक अजीब सी चुभन है आज दिल में कहीं;
  89. कुछ टूट के बिखर गया है जर्रे जर्रे सा!
  90. मत खाओ कसमें सारी ज़िन्दगी साथ निभाने की;
  91. हमने सांसो को भी जुदा होते देखा है!
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  93. काम करो ऐसा, कि पहचान बन जाये;
  94. हर कदम ऐसा चलो, कि निशान बन जाये!
  95. यहाँ ज़िन्दगी तो सभी काट लेते हैं;
  96. ज़िन्दगी जियो ऐसी, कि मिसाल बन जाये!
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  98. वक़्त बदलता है ज़िन्दगी के साथ;
  99. ज़िन्दगी बदलती है वक़्त के साथ;
  100. वक़्त नहीं बदलता अपनों के साथ;
  101. बस अपने बदलते हैं वक़्त के साथ!
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  103. आखिर ज़िन्दगी ने भी आज पूछ लिया मुझ से,
  104. कहाँ है वो शक्स जो तुझे मुझ से भी अज़ीज़ था!
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  106. जिंदगी की असली उड़ान अभी बाकी है;
  107. जिंदगी के कई इम्तिहान अभी बाकी है;
  108. अभी तो नापी है मुट्ठी भर ज़मीं हमने;
  109. अभी तो सारा आसमान बाकी है!
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  111. छोड़ ये बात कि मिले ये ज़ख़्म कहाँ से मुझ को;
  112. `ज़िन्दगी बस तू इतना बता!` कितना सफर बाकि है!
  113. ====================================
  114. बिना लिबास आये थे इस जहां में;
  115. बस एक कफ़न की खातिर इतना सफ़र करना पड़ा!
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  117. बैठ कर किनारे पर मेरा दीदार ना कर;
  118. मुझको समझना है तो समन्दर में उतर के देख!
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  120. किसी को अपना बनाने के लिए हमारी सारी खूबियाँ भी कम पड़ जाती हैं;
  121. जबकि किसी को खोने के लिए एक कमी ही काफी है!
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  123. कितना मुश्किल है ज़िन्दगी का ये सफ़र;
  124. खुदा ने मरना हराम किया, लोगों ने जीना!
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  126. तकदीरें बदल जाती है, जब ज़िन्दगी का कोई मकसद हो;
  127. वरना ज़िन्दगी तो कट ही जाती है, तकदीर को इल्जाम देते देते!
  128. ====================================
  129. कुछ अमल भी ज़रूरी है, इबादत के लिए;
  130. सिर्फ सजदा करने से, किसी को जन्नत नहीं मिलती!
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  132. ज़िदगी जाने कितने मोड़ लेती है, हर मोड़ पर नए सवाल देती है;
  133. तलाशते रहते हैं हम जवाब ज़िन्दगी भर;
  134. और जब जवाब मिल जाये तो ज़िन्दगी सवाल बदल देती है!
  135. ====================================
  136. अगर कोई पूछे जिंदगी में क्या खोया क्या पाया?
  137. तो बिना झिझक कह देना जो कुछ खोया वो मेरी नादानी है;
  138. और जो पाया वो मेरे रब की मेहरबानी है!
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  140. मरता नहीं कोई किसी के बगैर ये हकीकत है ज़िन्दगी की
  141. लेकिन सिर्फ सांसें लेने को 'जीना' तो नहीं कहते!
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  143. देखा है ज़िन्दगी को कुछ इतना करीब से;
  144. चहरे तमाम लगने लगे हैं अजीब से!
  145. साहिर लुधियानवी!
  146. ====================================
  147. न सवाल बनकर मिला करो;
  148. न जवाब बनकर मिला करो;
  149. मेरी ज़िन्दगी मेरे ख्वाब हैं;
  150. मुझे ख्वाब बनकर मिला करो!

  151. ====================================
  152. ना वो मिलती है, ना मैं रुकता हूँ;
  153. पता नहीं रास्ता गलत है, या मंजिल!
  154. ====================================
  155. ठोकरें खाकर भी ना संभले तो मुसाफिर का नसीब;
  156. राह के पत्थर तो अपना फ़र्ज़ अदा करते हैं!
  157. ====================================
  158. हजारों झोपड़िया जलकर राख होती हैं;
  159. तब जाकर एक महल बनता है!
  160. आशिको के मरने पर कफ़न भी नहीं मिलता;
  161. हसीनाओं के मरने पर "ताज महल" बनता है!
  162. ====================================
  163. ज़िन्दगी तस्वीर भी है और तकदीर भी!
  164. फर्क तो रंगों का है!
  165. मनचाहे रंगों से बने तो तस्वीर;
  166. और अनजाने रंगों से बने तो तकदीर!!!
  167. ====================================
  168. तकदीरें बदल जाती हैं, जब ज़िन्दगी का कोई मकसद हो;
  169. वर्ना ज़िन्दगी कट ही जाती है 'तकदीर' को इल्ज़ाम देते देते!
  170. ====================================
  171. मेरी इबादतों को ऐसे कबूल कर ऐ, मेरे खुदा;
  172. कि सजदे में मैं झुकूं और मुझसे जुड़े हर रिश्ते की ज़िन्दगी संवर जाये!
  173. ====================================
  174. बिना गम के ख़ुशी का पता कैसे चलेगा;
  175. बिना रोंए हुए, हंसी का मज़ा कैसे मिलेगा;
  176. जो उसे करता हैं, उसे वही जानता है;
  177. अगर हम जान गए तो, उसे खुदा कौन कहेगा!
  178. ====================================
  179. रास्ते कहा खत्म होते हैं, ज़िन्दगी के इस सफ़र में;
  180. मंजिल तो वही है, जहाँ ख्वाहिशें थम जाये!
  181. ====================================
  182. ऐ ज़िन्दगी, तोड़ कर हमको ऐसे बिखेरो इस बार;
  183. न फिर से टूट पायें हम, और न फिर से जुड़ पाओ तुम!
  184. ====================================
  185. क्या कहूँ तुझे ख्वाब कहूँ, तो टूट जायेगा;
  186. दिल कहूँ, तो बिखर जायेगा!
  187. आ तेरा नाम ज़िन्दगी रख दूँ;
  188. मौत से पहले तो तेरा साथ छूट न पायेगा!

  189. ====================================
  190. जब टूटने लगे हौंसला तो बस ये याद रखना;
  191. बिना मेहनत के हासिल तख़्त-ओ-ताज नहीं होते;
  192. ढूढ़ लेना अंधेरे में ही मंजिल अपनी दोस्तों;
  193. क्योंकि जुगनू कभी रोशनी के मोहताज़ नहीं होते।
  194. ====================================
  195. आगे तो परीजाद ये रखते थे हमें घेर;
  196. आते थे चले आप जो लगती थी ज़रा देर;
  197. सो आके बुढ़ापे ने किया हाय ये अंधेरे;
  198. जो दौड़ के मिलते थे वो अब हैं मुंह फेर।
  199. ====================================
  200. कौन अंदाजा मेरे गम का लगा सकता है;
  201. कौन सही राह दिखा सकता है;
  202. किनारों वालों तुम उसका दर्द क्या जानो;
  203. डूबने वाला ही गहराई बता सकता है।
  204. ====================================

  205.  
  206. हंसने के बाद क्यों रुलाती है दुनिया;
  207. जाने के बाद क्यों भुलाती है दुनिया;
  208. जिंदगी में क्या कोई कसर बाकी है;
  209. जो मर जाने के बाद भी जलाती है दुनिया।
  210. ====================================
  211. आबादी भी देखी है, वीराने भी देखे हैं;
  212. जो उजड़े और फिर न बसे, दिल की निराली बस्ती है।
  213. ====================================
  214. हर रिश्ते में विश्वास रहने दो;
  215. जुबान पर हर वक़्त मिठास रहने दो;
  216. यही तो अंदाज़ है जिंदगी जीने का;
  217. न खुद रहो उदास, न दूसरों को रहने दो।
  218. ====================================
  219. जिंदगी ने कुछ इस तरह का रूख लिया;
  220. जिसने जिस तरफ चाहा मोड़ दिया;
  221. जिसको जितनी थी जरुरत साथ चला;
  222. और फिर एक लम्हें में तन्हा छोड़ दिया!
  223. ====================================
  224. राह में निकले थे ये सोचकर, किसी को बना लेंगे अपना;
  225. मगर इस ख्वाहिश ने, जिंदगी भर का मुसाफिर बना दिया।
  226. ====================================
  227. ये भी अच्छा है कि ये सिर्फ़ सुनता है;
  228. दिल अगर बोलता तो क़यामत हो जाती।
  229. ====================================
  230. अजब मुकाम पे ठहरा हुआ है काफिला जिंदगी का;
  231. सकून ढूढनें चले थे, नींद ही गवा बैठे!
  232. ====================================

  233. मौत अंजाम-ए-ज़िन्दगी है मगर;
  234. लोग मरते हैं ज़िन्दगी के लिए।
  235. ====================================
  236. कौन देता है उम्र ~भर का सहारा;
  237. लोग तो जनाज़े में भी कंधे बदलते रहते हैं!
  238. ====================================
  239. तेरे आज़ाद बन्दों ~की ना ये दुनिया ना वो दुनिया;
  240. यहाँ मरने की पाबंदी, वहां जीने की पाबंदी!
  241. ====================================
  242. जिंदगी जिसको तेरा प्यार मिला वो जाने;
  243. हम तो नाकाम ही रहे चाहने वालों की तरह!
  244. ====================================
  245. आंधियां गम की च~लेंगी तो संवर जाऊंगा;
  246. मैं तो दरिया हूँ समंदर में उतर जाऊंगा;
  247. मुझे सूली पे चढाने की~ ज़रूरत क्या है;
  248. मेरे हाथ से कलम छीन लो मैं मर जाऊंगा!
  249. ====================================
  250. देखा है ज़िन्दगी को कुछ इतना करीब से, कि चेहरे तमाम लगने लगे हैं अजीब से;
  251. इस रेंगती हयात का कब तक उठाएं भार, बीमार अब उलझने लगे हैं तबीब से;
  252. कुछ इस तरह दिया है ज़ि~न्दगी ने हमारा साथ जैसे कोई निभा रहा हो रकीब से;
  253. ए रूह-ए-असर जाग कहाँ सो रही है तू, आवाज़ दे रहे हैं पयम्बर सलीब से!
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  255. खुशनसीब हैं वो जो दिल मे किसी को जगह देते हैं;
  256. बेचैनी सहकर भी दू!सरों को हंसना सिखा देते हैं;
  257. दुनियावाले लाख चाहें बदनाम उन्हें कर लें;
  258. मगर वो अपनी सादगी से हर दिल में जगह बना लेतें हैं!
  259. ====================================
  260. थोड़ी मस्ती थोड़ा सा ईमान बचा पाया हूँ;
  261. ये क्या कम है मैं ~अपनी पहचान बचा पाया हूँ;
  262. कुछ उम्मीदें, कुछ सपने, कुछ महकी-महकी यादें;
  263. जीने का मैं इतना ही सामान बचा पाया हूँ।
  264. ====================================
  265. ज़िन्दगी दरस्त-ए-ग़म थी और कुछ नहीं;
  266. ये मेरा ही हौंसला है ~की दरम्यां से गुज़र गया!
  267. ====================================
  268. न ख्वाहिशें हैं न ~शिकवे हैं अब न ग़म हैं कोई;
  269. ये बेख़ुदी भी कैसे कैसे ग़ुल खिलाती है!

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