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ज़िन्दगी Hindi Shayari Latest Hindi
- मंजिल तो मिल ही जाएगी, भटक के ही सही;
- गुमराह तो वो हैं जो घर से निकले ही नहीं!
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- एक ही गलती हम सारी उम्र करते रहे;
- धूल चेहरे पे~ थी;
- और हम आइना साफ़ करते रहे!
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- सारी उम्र अधुरा रहा मैं, जब सांस रुकी लोग कहते पूरा हो गया!
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- आपके आने से ज़िन्दगी कितनी खूबसूरत है!
- दिल में बसाई है ~जो वो आपकी ही सूरत है!
- दूर जाना नहीं हमसे कभी भूलकर भी!
- हमे हर कदम पर आपकी ज़रूरत है!
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- कल फुर्सत न मिली तो क्या होगा!
- इतनी मोहलत ~न मिली तो क्या होगा!
- रोज़ कहते हो कल मिलेंगे, कल मिलेंगे!
- कल मेरी आँखे न खुली तो क्या होगा!
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- तुम खफा हो गए तो कोई ख़ुशी न रहेगी!
- तेरे बिना चिरागों ~में रोशनी न रहेगी!
- क्या कहे क्या गुजरेगी दिल पर!
- जिंदा तो रहेंगे पर ज़िन्दगी न रहेगी!
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- कशिश होनी चाहिए किसी को याद करने की!
- लम्हे तो अपने आप मिल जायेंगे!
- वक़्त होना चाहिए ~किसी को मिलने का!
- बहाने तो अपने आप मिल जायेंगे!
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- ज़िन्दगी से पूछिये ये क्या चाहती है!
- बस एक आपकी व~फ़ा चाहती है!
- कितनी मासूम और नादान है ये!
- खुद बेवफा है और वफ़ा चाहती है!
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- हंसरते रह जायेगी आपके बिना अधूरी!
- ज़िन्दगी न होगी !आपके बिना पूरी!
- अब और सही जाये न यह दूरी!
- जीने के लिये आपका साथ है बहुत ज़रूरी!
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- कोशिश करो की कोई हम से न रूठे!
- जिन्दगी में अपनों का साथ न छूटे!
- रिश्ते कोई भी हो~ उसे ऐसे निभाओ!
- कि उस रिश्ते की डोर ज़िन्दगी भर न छूटे!
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- फिर न सिमटेगी अगर दोस्ती बिखर जायेगी!
- ज़िन्दगी जुल्फ नहीं जो फिर से संवर जायेगी!
- जो ख़ुशी दे तुम्हें थाम लो दामन उसका!
- ज़िन्दगी रो कर नहीं हंस कर गुज़र जायेगी!
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- जिंदगी की किताब के कुछ पन्ने होते है!
- कुछ अपने और कुछ बेगाने होते हैं!
- प्यार से संव~र जाती है जिंदगी!
- बस प्यार से रिश्ते निभाने होते है !
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- भरी महफिल में तन्हा मुझे रहना सिखा दिया !
- तेरे प्यार ने दुनिया को झूठा कहना सिखा दिया !
- किसी दर्द या ख़ुशी !का एहसास नहीं है अब तो !
- सब कुछ ज़िन्दगी ने चुप -चाप सहना सिखा दिया !
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- ज़िन्दगी जैसे एक सज़ा सी हो गयी है !
- ग़म के सागर में कुछ इस कदर खो गयी है !
- तुम आ जाओ वापि!स यह गुज़ारिश है मेरी !
- शायद मुझे तुम्हारी आदत सी हो गयी है !
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- साथ रहते रहते वक़्त गुज़र जाएगा!
- दूर होने के बाद कौन किसे याद आएगा!
- जी लो ये पल जब तक हम साथ है!
- कल का क्या पता हम हो न हो!
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- धीरे धीरे दिल ने धड़कना सीखा!
- धीरे धीरे दिल ने सम्भलना सीखा!
- धीरे धीरे हर राह पर चलना सीखा!
- और धीरे धीरे हर मौसम में हमने हंसना सीखा!
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- दर्द इतना था ज़िन्दगी में की;
- धड़कन भी साथ देने से घबरा गयी!
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- वक्त कहता है कि फिर नहीं आऊंगा;
- तेरी आँखों को अब न रुलाऊंगा!
- जीना है तो इस पल को जी ले;
- शायद मैं कल तक न रुक पाऊंगा!
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- रख हौसला वो मंजर भी आयेगा;
- प्यासे के पास चल के समुन्दर भी आयेगा!
- थक कर न बैठ ऐ मंजिल के मुसाफिर;
- मंजिल भी मिलेगी और मिलने का मज़ा भी आयेगा!
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- एक अजीब सी चुभन है आज दिल में कहीं;
- कुछ टूट के बिखर गया है जर्रे जर्रे सा!
- मत खाओ कसमें सारी ज़िन्दगी साथ निभाने की;
- हमने सांसो को भी जुदा होते देखा है!
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- काम करो ऐसा, कि पहचान बन जाये;
- हर कदम ऐसा चलो, कि निशान बन जाये!
- यहाँ ज़िन्दगी तो सभी काट लेते हैं;
- ज़िन्दगी जियो ऐसी, कि मिसाल बन जाये!
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- वक़्त बदलता है ज़िन्दगी के साथ;
- ज़िन्दगी बदलती है वक़्त के साथ;
- वक़्त नहीं बदलता अपनों के साथ;
- बस अपने बदलते हैं वक़्त के साथ!
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- आखिर ज़िन्दगी ने भी आज पूछ लिया मुझ से,
- कहाँ है वो शक्स जो तुझे मुझ से भी अज़ीज़ था!
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- जिंदगी की असली उड़ान अभी बाकी है;
- जिंदगी के कई इम्तिहान अभी बाकी है;
- अभी तो नापी है मुट्ठी भर ज़मीं हमने;
- अभी तो सारा आसमान बाकी है!
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- छोड़ ये बात कि मिले ये ज़ख़्म कहाँ से मुझ को;
- `ज़िन्दगी बस तू इतना बता!` कितना सफर बाकि है!
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- बिना लिबास आये थे इस जहां में;
- बस एक कफ़न की खातिर इतना सफ़र करना पड़ा!
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- बैठ कर किनारे पर मेरा दीदार ना कर;
- मुझको समझना है तो समन्दर में उतर के देख!
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- किसी को अपना बनाने के लिए हमारी सारी खूबियाँ भी कम पड़ जाती हैं;
- जबकि किसी को खोने के लिए एक कमी ही काफी है!
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- कितना मुश्किल है ज़िन्दगी का ये सफ़र;
- खुदा ने मरना हराम किया, लोगों ने जीना!
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- तकदीरें बदल जाती है, जब ज़िन्दगी का कोई मकसद हो;
- वरना ज़िन्दगी तो कट ही जाती है, तकदीर को इल्जाम देते देते!
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- कुछ अमल भी ज़रूरी है, इबादत के लिए;
- सिर्फ सजदा करने से, किसी को जन्नत नहीं मिलती!
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- ज़िदगी जाने कितने मोड़ लेती है, हर मोड़ पर नए सवाल देती है;
- तलाशते रहते हैं हम जवाब ज़िन्दगी भर;
- और जब जवाब मिल जाये तो ज़िन्दगी सवाल बदल देती है!
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- अगर कोई पूछे जिंदगी में क्या खोया क्या पाया?
- तो बिना झिझक कह देना जो कुछ खोया वो मेरी नादानी है;
- और जो पाया वो मेरे रब की मेहरबानी है!
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- मरता नहीं कोई किसी के बगैर ये हकीकत है ज़िन्दगी की
- लेकिन सिर्फ सांसें लेने को 'जीना' तो नहीं कहते!
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- देखा है ज़िन्दगी को कुछ इतना करीब से;
- चहरे तमाम लगने लगे हैं अजीब से!
- साहिर लुधियानवी!
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- न सवाल बनकर मिला करो;
- न जवाब बनकर मिला करो;
- मेरी ज़िन्दगी मेरे ख्वाब हैं;
- मुझे ख्वाब बनकर मिला करो!
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- ना वो मिलती है, ना मैं रुकता हूँ;
- पता नहीं रास्ता गलत है, या मंजिल!
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- ठोकरें खाकर भी ना संभले तो मुसाफिर का नसीब;
- राह के पत्थर तो अपना फ़र्ज़ अदा करते हैं!
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- हजारों झोपड़िया जलकर राख होती हैं;
- तब जाकर एक महल बनता है!
- आशिको के मरने पर कफ़न भी नहीं मिलता;
- हसीनाओं के मरने पर "ताज महल" बनता है!
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- ज़िन्दगी तस्वीर भी है और तकदीर भी!
- फर्क तो रंगों का है!
- मनचाहे रंगों से बने तो तस्वीर;
- और अनजाने रंगों से बने तो तकदीर!!!
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- तकदीरें बदल जाती हैं, जब ज़िन्दगी का कोई मकसद हो;
- वर्ना ज़िन्दगी कट ही जाती है 'तकदीर' को इल्ज़ाम देते देते!
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- मेरी इबादतों को ऐसे कबूल कर ऐ, मेरे खुदा;
- कि सजदे में मैं झुकूं और मुझसे जुड़े हर रिश्ते की ज़िन्दगी संवर जाये!
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- बिना गम के ख़ुशी का पता कैसे चलेगा;
- बिना रोंए हुए, हंसी का मज़ा कैसे मिलेगा;
- जो उसे करता हैं, उसे वही जानता है;
- अगर हम जान गए तो, उसे खुदा कौन कहेगा!
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- रास्ते कहा खत्म होते हैं, ज़िन्दगी के इस सफ़र में;
- मंजिल तो वही है, जहाँ ख्वाहिशें थम जाये!
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- ऐ ज़िन्दगी, तोड़ कर हमको ऐसे बिखेरो इस बार;
- न फिर से टूट पायें हम, और न फिर से जुड़ पाओ तुम!
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- क्या कहूँ तुझे ख्वाब कहूँ, तो टूट जायेगा;
- दिल कहूँ, तो बिखर जायेगा!
- आ तेरा नाम ज़िन्दगी रख दूँ;
- मौत से पहले तो तेरा साथ छूट न पायेगा!
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- जब टूटने लगे हौंसला तो बस ये याद रखना;
- बिना मेहनत के हासिल तख़्त-ओ-ताज नहीं होते;
- ढूढ़ लेना अंधेरे में ही मंजिल अपनी दोस्तों;
- क्योंकि जुगनू कभी रोशनी के मोहताज़ नहीं होते।
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- आगे तो परीजाद ये रखते थे हमें घेर;
- आते थे चले आप जो लगती थी ज़रा देर;
- सो आके बुढ़ापे ने किया हाय ये अंधेरे;
- जो दौड़ के मिलते थे वो अब हैं मुंह फेर।
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- कौन अंदाजा मेरे गम का लगा सकता है;
- कौन सही राह दिखा सकता है;
- किनारों वालों तुम उसका दर्द क्या जानो;
- डूबने वाला ही गहराई बता सकता है।
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- हंसने के बाद क्यों रुलाती है दुनिया;
- जाने के बाद क्यों भुलाती है दुनिया;
- जिंदगी में क्या कोई कसर बाकी है;
- जो मर जाने के बाद भी जलाती है दुनिया।
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- आबादी भी देखी है, वीराने भी देखे हैं;
- जो उजड़े और फिर न बसे, दिल की निराली बस्ती है।
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- हर रिश्ते में विश्वास रहने दो;
- जुबान पर हर वक़्त मिठास रहने दो;
- यही तो अंदाज़ है जिंदगी जीने का;
- न खुद रहो उदास, न दूसरों को रहने दो।
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- जिंदगी ने कुछ इस तरह का रूख लिया;
- जिसने जिस तरफ चाहा मोड़ दिया;
- जिसको जितनी थी जरुरत साथ चला;
- और फिर एक लम्हें में तन्हा छोड़ दिया!
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- राह में निकले थे ये सोचकर, किसी को बना लेंगे अपना;
- मगर इस ख्वाहिश ने, जिंदगी भर का मुसाफिर बना दिया।
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- ये भी अच्छा है कि ये सिर्फ़ सुनता है;
- दिल अगर बोलता तो क़यामत हो जाती।
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- अजब मुकाम पे ठहरा हुआ है काफिला जिंदगी का;
- सकून ढूढनें चले थे, नींद ही गवा बैठे!
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- मौत अंजाम-ए-ज़िन्दगी है मगर;
- लोग मरते हैं ज़िन्दगी के लिए।
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- कौन देता है उम्र ~भर का सहारा;
- लोग तो जनाज़े में भी कंधे बदलते रहते हैं!
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- तेरे आज़ाद बन्दों ~की ना ये दुनिया ना वो दुनिया;
- यहाँ मरने की पाबंदी, वहां जीने की पाबंदी!
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- जिंदगी जिसको तेरा प्यार मिला वो जाने;
- हम तो नाकाम ही रहे चाहने वालों की तरह!
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- आंधियां गम की च~लेंगी तो संवर जाऊंगा;
- मैं तो दरिया हूँ समंदर में उतर जाऊंगा;
- मुझे सूली पे चढाने की~ ज़रूरत क्या है;
- मेरे हाथ से कलम छीन लो मैं मर जाऊंगा!
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- देखा है ज़िन्दगी को कुछ इतना करीब से, कि चेहरे तमाम लगने लगे हैं अजीब से;
- इस रेंगती हयात का कब तक उठाएं भार, बीमार अब उलझने लगे हैं तबीब से;
- कुछ इस तरह दिया है ज़ि~न्दगी ने हमारा साथ जैसे कोई निभा रहा हो रकीब से;
- ए रूह-ए-असर जाग कहाँ सो रही है तू, आवाज़ दे रहे हैं पयम्बर सलीब से!
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- खुशनसीब हैं वो जो दिल मे किसी को जगह देते हैं;
- बेचैनी सहकर भी दू!सरों को हंसना सिखा देते हैं;
- दुनियावाले लाख चाहें बदनाम उन्हें कर लें;
- मगर वो अपनी सादगी से हर दिल में जगह बना लेतें हैं!
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- थोड़ी मस्ती थोड़ा सा ईमान बचा पाया हूँ;
- ये क्या कम है मैं ~अपनी पहचान बचा पाया हूँ;
- कुछ उम्मीदें, कुछ सपने, कुछ महकी-महकी यादें;
- जीने का मैं इतना ही सामान बचा पाया हूँ।
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- ज़िन्दगी दरस्त-ए-ग़म थी और कुछ नहीं;
- ये मेरा ही हौंसला है ~की दरम्यां से गुज़र गया!
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- न ख्वाहिशें हैं न ~शिकवे हैं अब न ग़म हैं कोई;
- ये बेख़ुदी भी कैसे कैसे ग़ुल खिलाती है!
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