Hindi Shayari,Rahat Indori Ghazals In Hindi 2017

Mom ke pass kabhi aag ko lakar dekhun
Sochta hun ki tujhe hath laga kar dekhun…

Kabhi chupke se chala ~aaun teri khilwat mei
Aur tujhe teri nigaheyen se bacha kar dekho…

 Awesome Hindi Shero-Shayari by Rahat indoori
 Awesome Hindi Shero-Shayari by Rahat Indoori
उसकी कत्थई आंखों में हैं जंतर मंतर सब
चाक़ू वाक़ू, छुरियां वुरियां, ~ख़ंजर वंजर सबजिस दिन से तुम रूठीं मुझ से रूठे रूठे हैं
चादर वादर, तकिया वकिया, बिस्तर विस्तर सबमुझसे बिछड़ कर वह भी कहां अब पहले जैसी है
फीके पड़ गए कपड़े वपड़े, ज़ेवर वेवर सब !!!

Dil ka mandir bada ~viraan nazar aata hai
Sochta hun teri tasveer laga kar dekhun
Tere bare me suna ye hai kit u chaand hai
Main zara dair tere saaye mei aa kar dekhu…

अगर ख़िलाफ़ हैं होने दो जान थोड़ी है
ये सब धुआँ है कोई आसमान थोड़ी है

लगेगी आग तो आएँगे ~घर कई ज़द में
यहाँ पे सिर्फ़ हमारा मकान थोड़ी है

मैं जानता हूँ के दुश्मन~ भी कम नहीं लेकिन
हमारी तरहा हथेली पे जान थोड़ी है

हमारे मुँह से जो निकले वही सदाक़त है
हमारे मुँह में तुम्हारी ज़ुबान थोड़ी है

जो आज साहिबे~ मसनद हैं कल नहीं होंगे
किराएदार हैं ज़ाती मकान थोड़ी है

सभी का ख़ून है~ शामिल यहाँ की मिट्टी में
किसी के बाप का हिन्दोस्तान थोड़ी है 

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