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whatsapp messages whatsapp2017
- बचपन~ में जहां चाहा हंस लेते थे,
- जहां चाहा रो लेते थे…
- पर अब मुस्कान को तमीज़ चाहिए
- और आंसुओ को तन्हाई !
- हम भी मुस्क~राते थे कभी बेपरवाह अन्दाज़ से…
- देखा है आज खुद को कुछ पुरानी तस्वीरों में !
- चलो मुस्कुराने की वज~ह ढूंढते हैं…
- जिन्दगी तुम हमें ढूंढो…हम तुम्हे ढूंढते हैं …
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- क्या हालात हो गए हैं…
- बापू बोलो तो गांधीजी की जगह “आशाराम” दिखते हैं,
- राधे कहो तो “राधे माँ” दिखती है,
- किसी को “आप” कहकर संबोधित करो तो “केजरीवाल पार्टी” आ जाती है,
- नमो नमः का ध्यान करो ~तो “मोदी जी” ध्यान में बोलते हुए नजर आते हैं,
- किसी बच्चे को पप्पू कहो तो खुद को राहुल गॉंधी समझने लगता है
- और तो और
- किसी को शु~भकामना देने से पहले हार्दिक बोलने में भी डर लगता है,
- हार्दिक पटेल नजर आने लगते हैं
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- एक बेटे ने पिता से पूछा – पापा ये ‘सफल जीवन’ क्या होता है ?
- पिता, बेटे को ~पतंग उड़ाने ले गए।
- बेटा पिता को ध्यान से पतंग उड़ाते देख रहा था…
- थोड़ी देर बाद बेटा बोला,
- पापा.. ये धागे की व~जह से पतंग और ऊपर नहीं जा पा रही है, क्या हम इसे तोड़ दें !!
- ये और ऊपर चली जाएगी…
- पिता ने धागा तोड़ दिया ..
- पतंग थोड़ा~ सा और ऊपर गई और उसके बाद लहरा कर नीचे आइ और दूर अनजान जगह पर जा कर गिर गई…
- तब पिता ने बेटे को जीवन का दर्शन समझाया .,,,,
- बेटा..
- ‘जिंदगी में हम जिस ऊंचाई पर हैं..
- हमें अक्सर लगता की कुछ चीजें, जिनसे हम बंधे हैं वे हमें और ऊपर जाने से रोक रही हैं
- जैसे :
- घर,
- परिवार,
- अनुशासन,
- माता-~पिता आदि
- और हम उनसे आजाद होना चाहते हैं…
- वास्तव में यही वो धागे होते हैं जो हमें उस ऊंचाई पर बना के रखते हैं..
- इन धागों के ~बिना हम एक बार तो ऊपर जायेंगे
- परन्तु
- बाद में हमारा वो ही हश्र होगा जो
- बिन धागे की पतंग का हुआ…’
- “अतः जीवन में~ यदि तुम ऊंचाइयों पर बने रहना चाहते हो तो, कभी भी इन धागों से रिश्ता मत तोड़ना..”
- ” धागे और पतंग जैसे जुड़ाव के सफल संतुलन से मिली हुई ऊंचाई को ही ‘सफल जीवन’ कहते हैं “.
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- एक टी.वी. पत्रकार एक किसान का इंटरव्यू ले रहा था…
- पत्रकार : आप बकरे को क्या खिलाते हैं…??
- किसान : काले को या सफ़ेद को…??
- पत्रकार : सफ़ेद को..
- किसान : घाँस..
- पत्रकार : और काले को…??
- किसान : उसे भी घाँस..
- पत्रकार : आप इन बकरों को बांधते कहाँ हो…??
- किसान : काले को या सफ़ेद को…??
- पत्रकार : सफ़ेद को..
- किसान : बाहर के कमरे में..
- पत्रकार : और काले को…??
- किसान : उसे भी बाहर के कमरे में…
- पत्रकार : और~ इन्हें नहलाते कैसे हो…??
- किसान : किसे काले को या सफ़ेद को…??
- पत्रकार : काले को..
- किसान : जी पानी से..
- पत्रकार : और ~सफ़ेद को…??
- किसान : जी उसे भी पानी से..
- पत्रकार का गुस्सा सात~वें आसमान पर, बोला : कमीने ! जब दोनों के साथ सब कुछ एक जैसा करता है, तो मुझे बार-बार क्यों पूछता है.. काला या सफ़ेद…????
- किसान : क्योंकि काला बकरा मेरा है…
- पत्रकार : औ~र सफ़ेद बकरा…??
- किसान : वो भी मेरा है…
- पत्रकार बेहोश…
- होश आने पे किसा~न बोला अब पता चला कमीने जब तुम एक ही news को सारा दिन घुमा फिरा के दिखाते हो हम भी ऐसे ही दुखी होते है।
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- कैसी भी हो एक
- बहन होनी चाहिये……….।
- .
- बड़ी हो~ तो माँ- बाप से बचाने वाली.
- छोटी हो तो हमारे पीठ पिछे छुपने वाली……….॥
- .
- बड़ी हो तो चुपचाप हमारे पाँकेट मे पैसे रखने वाली,
- छोटी हो तो चुपचाप पैसे निकाल लेने वाली………॥
- .
- छोटी हो या बड़ी,
- छोटी- छोटी बातों पे लड़ने वाली,एक बहन होनी चाहिये…….॥
- .
- बड़ी हो तो ,गलती पे हमारे कान खींचने वाली,
- छोटी हो तो अपनी गलती पर, साँरी भईया कहने वाली…
- खुद से ज्यादा हमे प्यार करने वाली एक बहन होनी चाहिये…. ….॥
- रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाए!
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- ईस व्हाट्स~एप्प के चक्कर में
- दिमाग के नट बोल्ट ढीले हो
- गये हैं..
- एक सेकंड में मिजाज़ शायराना
- हो जाता ~है और अगले ही सेकंड
- में देश भक्ति जाग ऊठती हैं. ✊
- ऊसके फौरन बाद सनी लिओनी
- आती है. ☺
- तभी अचानक कोई ग्यानी भगवान
- बुद्ध और विवेकानन्द की चार
- लाईने भेजता है.✋
- ऊसके बाद कोई दुखी आत्मा
- बिवीयों पर~ जोक भेजकर अपनी
- मर्दानगी साबित करने की कोशिश
- करता है।
- और जब थोड़ा सकुन मिलने का
- समय आने ही वाला होता है,
- तब एक ड~रावना फारवर्ड
- साई के नामसे आता है कि
- ईसे दस लोगों को भेजो तो लाटरी
- लगेगी वर्ना सत्यानाश होगा।
- इसके बाद दिमाग का दहीबड़ा
- तब होता है जब कोई
- क्विज ले के आता है।
- मनुष्य का इतने तेजी से ह्रदय
- परिवर्तन तो सिर्फ व्हाट्सअँप पर
- ही हो सकता है।
- जब भी whatsapp खोलो,
- लगता है whatsapp नही
- हरिद्वार आ गए है…
- इतना अथाह ज्ञान बरसता है
- कि मन ए~कदम शुद्ध हो जाता है…
- सभी whatsapp संतो को कोटि-कोटि नमन..
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- आदमी ~के हालात कैसे बदलते हैं, ज़रा गौर कीजिये –
- शादी के पहले – हीरो नं. 1
- शादी के बाद – कुली नं. 1
- शादी के पहले – मैंने प्यार किया
- शादी के बाद – ये मैंने क्या किया
- शादी के पहले – जानेमन मत जाओ
- शादी के बाद – जान मत खाओ
- शादी के पहले – तुम बिन रहा ना जाए
- शादी के बाद – तुमको सहा ना जाए
- शादी के पहले – कुछ तो बोलो
- शादी के बाद – कभी चुप भी हो लो
- शादी के प~हले – आय लव यू
- शादी के बाद – आज फिर आलू
- शादी के पहले – मिलने कब आओगी
- शादी के बाद – मायके कब जाओगी
- !!!!
- Group कीसी का भी हो !!
- पर घमाका हमारा ही होगा !!!
- हम आज~ भी अपने हुनर मे दम रखते है,
- होश उड़ जाते है लोगो के, जब . GROUP में कदम रखते है..
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- ससुराल में साली का…
- बाग़ में माली का…
- होंठो में लाली का…
- पुलिस में गाली का…
- मकान में नाली का…
- कान में बाली का…
- पूजा में थाली का…
- खुशी में ताली का—बड़ा महत्व है
- फलों में आम का…
- भगवान में राम का…
- मयखाने ~में जाम का…
- फैक्ट्री में काम का…
- सुर्ख़ियों में नाम का…
- बाज़ार में दाम का…
- मोहब्बत में शाम का—बड़ा महत्व है
- व्यापार में~ घाटा का…
- लड़ाई में चांटा का…
- रईसों में टाटा का…
- जूतों में बाटा का…
- रसोई में आटा का—बड़ा महत्व है
- फिल्मों में गाने का…
- झगड़े में थाने का…
- प्यार में पाने का…
- अंधों में काने का…
- परिंदों में दाने का—बड़ा महत्व है
- ज़िंदगी में मोहब्बत का…
- परिवार में इज्ज़त का…
- तरक्की में किस्मत का…
- दीवानों में हसरत का—बड़ा महत्व है
- पंछियों में बसेरे का…
- दुनिया~ में सवेरे का…
- डगर में उजेरे का…
- शादी में फेरे का—बड़ा महत्व है
- खेलों में क्रिकेट का…
- विमानों~ में जेट का…
- शरीर में पेट का…
- दूरसंचार में नेट का—बड़ा महत्व है
- मौजों में किनारों का…
- गुर्वतों में सहारों का…
- दुनिया में नज़ारों का…
- प्यार में इशारों का—बड़ा महत्व है
- खेत में फसल का…
- तालाब में कमल का…
- उधार में असल का…
- परीक्षा में नकल का—बड़ा महत्व है
- ससुराल में जमाई का…
- परदेश में कमाई का…
- जाड़े में रजाई का…
- दूध में मलाई का—बड़ा lमहत्व है
- बंदूक में गोली का…
- पूजा में ~रोली का…
- समाज में बोली का…
- त्योहारों में होली का…
- श्रृंगार में चोली का—बड़ा महत्व है
- ~
- बारात में दूल्हे का…
- रसोई में चूल्हे का—बड़ा महत्व है
- सब्जियों में आलू का…
- बिहार में लालू का…
- मशाले में बालू का…
- जंगल में भालू का…
- बोलने में तालू का—बड़ा महत्व है
- मौसम में सावन का…
- घर में आँगन का…
- दुआ में दामन का…
- लंका में रावन का—बड़ा महत्व है
- चमन में बहार का…
- डोली में कहार का…
- खाने में अचार का…
- मकान में दीवार का—बड़ा महत्व है
- सला~द में मूली का…
- फूलों में जूली का…
- सज़ा में सूली का…
- स्टेशन में कूली का—बड़ा महत्व है
- पकवानों ~में पूरी का…
- रिश्तों में दूरी का…
- आँखों में भूरी का…
- रसोई में छूरी का—बड़ा महत्व है
- खेत ~में सांप का…
- सिलाई में नाप का…
- खानदान में बाप का…
- और वॉट्सअप पर आप का—बड़ा
- महत्व है
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- ज़िन्दगी के पाँच सच ~
- सच नं. 1 -:
- माँ के सिवा कोई ~वफादार नही हो सकता…!!!
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- सच नं. 2 -:
- गरीब का कोई दोस्त नही हो सकता…!!
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- सच नं. 3 -:
- आज भी लोग अ~च्छी सोच को नही,
- अच्छी सूरत को तरजीह देते हैं…!!!
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- सच नं. 4 -:
- इज्जत सिर्फ पैसे की है, इंसान की नही…!!!
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- सच न. 5 -:
- जिस शख्स को अपना खास समझो….
- अधिकतर वही ~शख्स दुख दर्द देता है
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