Shayari in Hindi Font Now 2017

कैसे मिलेंगे हमें चाहने वाले बताइये,
दुनिया खड़ी है राह में दीवार की तरह,
वो बेवफ़ाई करके भी शर्मिंदा ना हुए,
सजाएं मिली हमें गुनहगार की तरह।

वो बेवफ़ाई करके

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इश्क क्या चीज होती है यह पूछिये परवाने से,
जिंदगी जिसको मयस्सर हुई मर जाने के बाद।

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गुजरे हैं इश्क़ में हम इस मुकाम से
नफरत सी हो गई है मोहब्बत के नाम से
हम वह नहीं जो मोहब्बत में रो कर के
जिंदगी को गुजार दे...
अगर परछाई भी तेरी नजर आ जाए
तो उसे भी ठोकर मार दें।

गुजरे है इस मुकाम

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बिजलियाँ टूट पड़ी... जब वो मुकाबिल से उठा,
मिल के पलटी थीं निगाहें कि धुआँ दिल से उठा।


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तस्वीर में भी बदले हुए हैं उनके तेवर,
आँखों में मुरब्बत का कहीं नाम नहीं है


आपको जाते हुए देख के न संभलेगा दिल,
उसको बातों में लगा लूँ तो चले जाईयेगा।

न संभलेगा दिल

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ख्वाहिश तो ना थी किसी से दिल लगाने की,
मगर जब किस्मत में ही दर्द लिखा था...
तो मोहब्बत कैसे ना होती।


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बख्शे हम भी न गए बख्शे तुम भी न जाओगे,
वक्त जानता है हर चेहरे को बेनकाब करना।


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कशिश तो बहुत है मेरे प्यार में,
लेकिन वो पत्थर दिल पिघलता नहीं,
अगर मिले खुदा तो माँगूंगी उसको,
मगर ख़ुदा मरने से पहले मिलता नहीं।

कशिश तो बहुत है

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अब अगर मेल नहीं है तो जुदाई भी नहीं,
बात तोड़ी भी नहीं तुमने तो बनाई भी नहीं।


ना हीर की तमन्ना है,
ना परियों पर मरता हूँ,
एक भोली-भाली सी लड़की है,
मैं जिससे मोहब्बत करता हूँ।

न हीर की तमन्ना

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ये कैसा सिलसिला है, तेरे और मेरे दरमियाँ,
फ़ासले भी बहुत हैं और मोहब्बत भी।


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उनकी एक नज़र को हम तरसते रहेंगे,
ये आंसू हर पल यूँही बरसते रहेंगे,
कभी बीते थे कुछ पल उनके साथ,
बस यही सोच कर हम हँसते रहेंगे।

उनकी एक नज़र को

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महफ़िल में हँसना हमारा मिजाज बन गया,
तन्हाई में रोना एक राज बन गया,
दिल के दर्द को चेहरे से जाहिर न होने दिया,
बस यही जिंदगी जीने का अंदाज बन गया।


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तेरी आरजू में सनम हम दीवाने हो गए,
तुझे अपना बनाते बनाते बेगाने हो गए,
कर दे एक बार याद अपने दिल से,
तेरे दिल की आवाज़ सुने ज़माने हो गए।
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वक़्त तो दो ही कठिन गुजरे है सारी उम्र में,
इक तेरे आने के पहले इक तेरे जाने के बाद।

तेरे जाने के बाद

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इलाजे-दर्दे-दिल तुमसे मसीहा हो नहीं सकता,
तुम अच्छा कर नहीं सकते मैं अच्छा हो नहीं सकता।


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आँख खुलते ही याद आ जाता है तेरा चेहरा,
दिन की ये पहली ख़ुशी भी कमाल होती है।
सुप्रभात

आँख खुलते ही याद

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शिकायतें सारी जोड़ जोड़ कर रखी थी मैंने,
उसने गले लगाकर सारा हिसाब बिगाड़ दिया।

शिकायतें सारी
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जहाँ कदर न हो अपनी वहाँ जाना फ़िज़ूल है,
चाहे किसी का घर हो चाहे किसी का दिल।


मौजूद थी उदासी अभी पिछली रात की,
बहला था दिल जरा कि फिर रात हो गयी।

मौजूद थी उदासी

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जो मैं वक़्त बन जाऊं तू बन जाना लम्हा,
मैं तुझमें गुजर जाऊं तू मुझमें गुजर जाये।


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एक हसरत थी कि उनके दिल में पनाह मिलेगी,
क्या पता था उनसे मोहब्बत की सज़ा मिलेगी,
न अपनों ने समझा न गैरों ने जाना,
क्या पता था मेरी तक़दीर ही मुझे बेवफा मिलेगी।


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आज भी प्यार करता हूँ तुझसे,
ये नहीं कि कोई मिली ही नहीं,
मिलीं तो बहुत तेरे बाद पर,
तू किसी चेहरे में दिखीं ही नहीं।


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नफरत को हम प्यार देते है,
प्यार पे खुशियाँ वार देते है,
बहुत सोच समझकर हमसे कोई वादा करना,
ऐ दोस्त हम वादे पर ज़िन्दगी गुजार देते है।

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हमें ये मोहब्बत किस मोड़ पे ले आई,
दिल में दर्द है और ज़माने में रुसवाई,
कटता है हर एक पल सौ बरस के बराबर,
अब मार ही डालेगी मुझे तेरी जुदाई।


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बड़ा मज़ा आता है उसे बार-बार मुझे सताने में,
क्यो भूल जाती है कि नहीं मिलेगा,
कोई मुझसा चाहने वाला इस जमाने में,
नहीं आए यकीं तो फिर आज़माकर देख लेना
कुछ बात अलग है इस दीवाने में,
तारीफ नहीं करता खुद की... मगर ये सच है...
कोई कसर नहीं छोडूंगा तेरा साथ निभाने में।


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बादलों ने बहुत बारिश बरसाई,
तेरी याद आई पर तू ना आई,
सर्द रातों में उठ -उठ कर,
हमने तुझे आवाज़ लगाई,
तेरी याद आई पर तू ना आई,
भीगी -भीगी हवाओ में,
तेरी ख़ुशबू है समाई,
तेरी याद आई पर तू ना आई,
बीत गया बारिश का मौसम
बस रह गयी तनहाई,
तेरी याद आई पर तू ना आई।
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क्यूँ नहीं महसूस होती उसे मेरी तकलीफ,
जो कहते थे बहुत अच्छे से जानते हैं तुझे।

क्यूँ नहीं महसूस होती

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तेरे इंतज़ार में कैसे कटता है वक़्त ना पूछ मुझसे,
तेरे बगैर तन्हा रहता हूँ कैसे ना पूछ मुझसे,
तू ही तू चाहिए दिल की गहराइयो में,
जीता हूँ तेरे बगैर कैसे ना पूछ मुझसे,
जो मिल जाएगी तू तो होगी कितनी ख़ुशी ना पूछ मुझसे।

थक गया है दिल-ए-वहशी मेरा फ़रियाद से भी,
जी बहलता नहीं ऐ सनम तेरी याद से भी।


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कुछ तो तेरे मौसम ही मुझे रास कम आए,
और कुछ मेरी मिट्टी में बग़ावत भी बहुत थी।

कुछ तो तेरे मौसम

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मुझ को मज़ा है छेड़ का, दिल मानता नहीं,
गाली सुने बग़ैर... सितमगर कहे बग़ैर...।


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रहता है इबादत में हमें मौत का खटका,
हम याद ख़ुदा करते हैं कर ले न ख़ुदा याद।

रहता है इबादत में
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ख़ूब पर्दा है कि चिलमन से लगे बैठे हैं...
साफ़ छुपते भी नहीं सामने आते भी नहीं।


न हाथ थाम सके और न पकड़ सके दामन,
बहुत ही क़रीब से गुज़र कर बिछड़ गया कोई।

न हाथ थाम सके

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सितम को हम करम समझे,
जफा को हम वफा समझे,
जो इस पर भी न समझे वह
तो उस बुत को खुदा समझे।
- इब्राहिम ज़ौक़

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मेरे बर्दाश्त करने का अंदाजा
तू क्या लगायेगी पगली,
तेरी उम्र से ज्यादा मेरे जिस्म पर
ज़ख्मो के निशाँ हैं।


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खुशियाँ बटोरते बटोरते उम्र गुजर गई
लेकिन खुश न हो सके...
एक दिन अहसास हुआ कि
खुश तो वे लोग हैं जो खुशियाँ बाँट रहे हैं।


बस एक मेरा ही हाथ नहीं थामा उस ने,
वरना गिरते हुए कितने ही संभाले उसने।


​ज़िस्म से मेरे तड़पता दिल कोई तो खींच लो​,
मैं बगैर इसके भी जी लूँगा मुझे अब ​ये यकीन ​है।

​ज़िस्म से मेरे तड़पता

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तुम फिर ना आ सकोगे,
बताना तो था ना मुझे,
तुम दूर जा कर बस गए,
और मैं ढूंढ़ता ही रह गया।


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बताओ है कि नहीं मेरे ख्वाब झूठे,
कि जब भी देखा तुझे अपने साथ देखा।


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मुझसे मिलने को करता था बहाने कितने,
अब मेरे बिना गुजारेगा वो जमाने कितने।

बहाने कितने

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यूँ बदल जाते है मौसम हमें मालूम न था,
प्यार है प्यार का मातम हमें मालूम न था,
इस मोहब्बत में यहाँ किसका भला होना है,
हर मुलाक़ात की किस्मत में जुदा होना है


मैंने तो तुझे भुला दिया फिर
क्यों तेरी यादों ने मुझे रुला दिया।

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इज्ज़त, सम्मान एक ऐसी चीज़ है
जो जितना दोगे उससे ज्यादा पाओगे।


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एट्टीट्यूड तो हम मरने के बाद भी
दिखाएंगे...
दुनिया पैदल चलेगी और हम
कंधो पर।


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तुम लौट के आने का तकल्लुफ़ मत करना,
हम एक मोहब्बत को दोबारा नहीं करते।

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हर साँस में उनकी याद होती है,
मेरी आंखों को उनकी तलाश होती है,
कितनी खूबसूरत है चीज ये मोहब्बत,
कि दिल धड़कने में भी उनकी आवाज होती है
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मेरी ये बेचैनियाँ... और उन का कहना नाज़ से,
हँस के तुम से बोल तो लेते हैं और हम क्या करें।

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इश्वा भी है शोख़ी भी तबस्सुम भी हया भी,
ज़ालिम में और इक बात है इस सब के सिवा भी।


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दिन हुआ है तो रात भी होगी,
हो मत उदास कभी बात भी होगी,
इतने प्यार से दोस्ती की है,
जिन्दगी रही तो मुलाकात भी होगी.


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जब भी करीब आता हूँ बताने के किये,
जिंदगी दूर रखती हैं सताने के लिये,
महफ़िलों की शान न समझना मुझे,
मैं तो अक्सर हँसता हूँ गम छुपाने के लिये.

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जीत किसके लिए हार किसके लिए,
ज़िंदगी भर ये तकरार किसके लिए,
जो भी आया है वो जायेगा एक दिन,
फिर ये इतना अहंकार किसके लिए।

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जो नजर से गुजर जाया करते हैं,
वो सितारे अक्सर टूट जाया करते हैं,
कुछ लोग दर्द को बयां नहीं होने देते,
बस चुपचाप बिखर जाया करते हैं।

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वैसे ही दिन वैसी ही रातें हैं,
वही रोज का फ़साना लगता है,
अभी महीना भी नहीं गुजरा और
यह साल अभी से पुराना लगता है।


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प्यार ने ये कैसा तोहफा दे दिया,
मुझको ग़मों ने पत्थर बना दिया,
तेरी यादों में ही कट गयी ये उम्र,
कहता रहा तुझे कब का भुला दिया।


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लगता है इतना वक़्त मेरे डूबने में क्यूँ...?
अंदाज़ा मुझ को ख़्वाब की गहराई से हुआ।

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तुम्हारा दिल मेरे दिल के बराबर हो नहीं सकता,
वो शीशा हो नहीं सकता ये पत्थर हो नहीं सकता।


थमे आँसू तो फिर तुम शौक़ से घर को चले जाना,
कहाँ जाते हो इस तूफ़ान में पानी ज़रा ठहरे।

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याद रखना ही मोहब्बत में नहीं है सब कुछ,
भूल जाना भी बड़ी बात हुआ करती है।

याद रखना ही मोहब्बत

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हम ने सीने से लगाया दिल न अपना बन सका,
मुस्कुरा कर तुम ने देखा दिल तुम्हारा हो गया।


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अक्सर ठहर कर देखता हूँ
अपने पैरों के निशान को,
वो भी अधूरे लगते हैं...
तेरे साथ के बिना।


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ऐ जिंदगी मुझसे दगा ना कर
मैं जिंदा रहूं ये दुआ न कर
कोई छूता है तुझको तो होती है जलन
ऐ हवा तू भी उसे छुआ न कर।
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कुछ दूर हमारे साथ चलो हम दिल की कहानी कह देंगे,
समझे ना जिसे तुम आँखों से वो बात जुबानी कह देंगे।

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मैं देखूँ तो सही यह दुनिया तुझे कैसे सताती है,
कोई दिन के लिए तुम अपनी निगहबानी मुझे दे दो।
- साहिर लुधियानवी

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इलाही उनके हिस्से का भी गम मुझको अता कर दे,
कि उन मासूम आंखों में नमी देखी नहीं जाती।

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चुप ना होगी हवा भी, कुछ कहेगी घटा भी,
और मुमकिन है तेरा, जिक्र कर दे खुद़ा भी।
फिर तो पत्थर ही शायद ज़ब्त से काम लेंगे,
हुस्न की बात चली तो, सब तेरा नाम लेंगे।


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हम कितने दिन जिए ये जरुरी नहीं,
हम उन दिनों में कितना जिए ये जरुरी है।


इतना बेताब न हो मुझसे बिछड़ने के लिए,
तुझे आँखों से नहीं मेरे दिल से जुदा होना है।


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समेट कर ले जाओ अपने झूठे वादों के अधूरे क़िस्से
अगली मोहब्बत में तुम्हें फिर इनकी ज़रूरत पड़ेगी।


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गुमनामी का अँधेरा कुछ इस तरह छा गया है,
कि दास्ताँ बन के जीना भी हमें रास आ गया है।


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ले लो वापस वो आँसू वो तड़प वो यादें सारी,
नहीं कोई जुर्म हमारा तो फिर ये सजाएं कैसी।


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कुछ इस तरह से गुज़ारी है ज़िंदगी जैसे,
तमाम उम्र किसी दूसरे के घर में रहा।

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कुछ तबीयत ही मिली थी ऐसी,
चैन से जीने की सूरत नहीं हुई,
जिसको चाहा उसे अपना न सके,
जो मिला उससे मुहब्बत न हुई।


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इस कदर हम उनकी मोहब्बत में खो गए,
कि एक नज़र देखा और बस उन्ही के हो गए,
आँख खुली तो अँधेरा था देखा एक सपना था,
आँख बंद की और उन्ही सपनो में फिर खो गए।
शुभ रात्रि ।


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दिल में समा गई हैं क़यामत की शोख़ियाँ,
दो-चार दिन रहा था किसी की निगाह में।


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आग लगाना मेरी फितरत में नही है,
मेरी सादगी से लोग जलें तो मेरा क्या कसूर।


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लाख तलवारे बढ़ी आती हों गर्दन की तरफ,
सर झुकाना नहीं आता तो झुकाए कैसे।

कहते है हर बात जुबां से हम इशारा नहीं करते,
आसमां पर चलने वाले जमीं से गुज़ारा नहीं करते,
हर हालात बदलने की हिम्मत है हम में,
वक़्त का हर फैसला हम गँवारा नहीं करते।


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क्या कहे कुछ कहा नही जाता,
दर्द मीठा है पर रहा नही जाता,
दोस्ती हो गई इस कदर आपसे,
बिना याद किये बिना रहा नहीं जाता।


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मेरी मोहब्बत उस पर ही बरसेगी जो मेरा दिल जीतेगी,
अपने अभिमान से ज्यादा अपनों को सम्मान देगी।

हर हाल में साथ और दुविधा में भी हौसला बढ़ा देगी,
मेरी गलती पर नाराज़ होगी फिर गुस्से में मुस्करा देगी।

मेरी मोहब्बत उस पर ही बरसेंगी जो मेरा दिल जीतेगी,
ना आंधी ना बरसात में काम होगा मेरा जो विश्वास उस पर होगा।

नादान भले होगी वो पर अपनी बाते मुझे समझा देगी,
समझेगी मेरे हालात को और फिर उसमे जो मेरा साथ देगी।

उदास होगी और फिर हस्ते हुए मुझे भी रूला देगी,
कुछ ऐसी होगी वो जो मेरा जीवन भर साथ देगी।

मेरे दिलो दिमाग में जो रहेगी और मेरी ज़िन्दगी में जो खुराफात करेगी,
दोस्तों ऐसी होगी तुम्हारी भाभी जो तुमको कभी भैया तो कभी देवर कहेगी।


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शम्मा परवाने को जलना सिखाती है,
शाम सूरज को ढलना सिखाती है,
क्यों कोसते हो पत्थरों को जबकि...
ठोकरें ही इंसान को चलना सिखाती हैं।
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डरते है आग से कही जल न जाये,
डरते है ख्वाब से कहीं टूट न जाये,
लेकिन सबसे ज़्यादा डरते है आपसे,
कहीं आप हमें भूल न जाये।
दुआ में याद रखना...

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किस्मत की लकीरों में नहीं था नाम उसका शायद,
जबकि उनसे मुलाकात तो हर रोज़ होती थी।


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हर साँस में उनकी याद होती है,
मेरी आंखों को उनकी तलाश होती है,
कितनी खूबसूरत है चीज ये मोहब्बत,
कि दिल धड़कने में भी उनकी आवाज होती है।


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काश किसी ने हमे दिल से पहचाना होता।
थोड़े से ख़ुशी के लिए हमने ग़मों से दोस्ती करना सीख लिया।


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तुझे रातों को इस कदर याद करता हूँ,
जैसे कल इम्तिहान हो मेरा तेरी यादों का।


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रूप से अक्सर प्यार नहीं होता,
मन चाहा सपना साकार नहीं होता,
हर किसी पर न मर मिटना मेरे दोस्त,
क्योंकि हर किसी के दिल में सच्चा प्यार नहीं होता।

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मत कर हिसाब किसी के प्यार का,
कहीं बाद में तू खुद ही कर्ज़दार न निकले।


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अफ़सोस करने से बढ़िया है,
कम से कम एक बार कोशिश जरूर करना।


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ख़ात्मा-ए-मोहब्बत मुमकिन नही है पाक मोहब्बत मे ज़नाब,
ये तो बस कुछ वक़्त की बेरुख़ी का मुकम्मल असर होती है।


करीब से देखने पर भी ज़िन्दगी का मतलब समझ नही आया हमें,
मालूम होता है अपने ही शहर में भूला हुआ मुसाफ़िर हूँ।


मत पूछो उनसे यादों की कीमत जो खुद ही यादों को मिटा दिया करते हैं,
यादों की कीमत तो वो जानते हैं जो सिर्फ यादों के सहारे जिया करते हैं।


अंदाज़ा नही था संगदिल शख़्स से मोहब्बत अदा फ़रमा रहें हैं,
ग़र मालूम होता तो कभी रुख़्सत भी ना होते शहर-ए-मोहब्बत से।


अब छोड़ दी है उसकी आरज़ू हमेशा के लिए सागर,
जिसे मोहब्बत की क़दर ना हो उसे दुआओं में क्या माँगना।


अज़ीब सी कश्मकश मे उलझ कर रह गयी है आजकल ज़िन्दगी हमारी,
उन्हें याद करना नही चाहते और भूलना तो जैसे नामुमकिन सा है।


एक तरफ़ दामन-ए-मोहब्बत और दूसरी तरफ़ है फ़र्ज़ हमारा,
अब तू ही बता ऐ ज़िन्दगानी ! तेरा क़र्ज़ किस तरह अदा किया जाये।


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काग़ज़ पे तो अदालत चलती है...
हमने तो तेरी आँखो के फैसले मंजूर किये।


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मेरी आँखों में मत ढूंढा करो खुद को
पता है ना.. दिल में रहते हो खुदा की तरह।


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मुझे उस जगह से भी मोहब्बत हो जाती है,
जहाँ बैठ कर एक बार तुम्हें सोच लेता हूँ।


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सूरज, सितारे, चाँद मेरे साथ में रहे,
जब तक तुम्हारे हाथ मेरे हाथ में रहे,
शाखों से जो टूट जाये वो पत्ते नही है हम,
आंधी से कोई कह दे कि औकात में रहे।


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मार ही डाले जो बे मौत, ये दुनिया वाले,
हम जो जिन्दा हैं तो जीने का हुनर रखते हैं।


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सदफ की क्या हकीकत है, अगर उसमें न हो गौहर,
न क्यों कर आबरू हो आंख की मौकूफ आंसू पर।
(सदफ - सीप, गौहर - मोती)

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वो दिल लेकर हमें बेदिल ना समझें उनसे कह देना,
जो हैं मारे हुए नज़रों के उनकी हर नज़र दिल है।


मैने समझा था कि तू है तो दरख़्शां है हयात,
तेरा ग़म है तो ग़मे-दहर का झगड़ा क्या है,
तेरी सूरत से है आलम में बहारों को सबात,
तेरी आँखों के सिवा दुनिया मे रक्खा क्या है।
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तू तब तक रूला सकती है हमें,
जब तक हम दिल मे बसाये हैं तुझे.


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इंतजार तो बस उस दिन का है...
जिस दिन तुम्हारे नाम के पीछे हमारा नाम लगेगा.


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बदलते लोग, बदलते रिश्ते और बदलता मौसम,
चाहे दिखाई ना दे मगर महसूस जरूर होते है.


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रो लेते हैं कभी कभी,
ताकि आंसुओं को भी कोई शिकायत ना रहे।

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मत फेंक पानी में पत्थर,
उसे भी कोई पीता होगा,
मत रह यूँ उदास जिन्दगी में,
तुम्हें देखकर कोई जीता होगा।


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जो जले थे हमारे लिऐ,
बुझ रहे हैं वो सारे दिये,
कुछ अंधेरो ने की थी साजिशें,
कुछ उजालों ने धोखे दिये.


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दिल को दिल समझो तो इश्क़ करो
वादे को वादा समझो तो पूरा करो,
और हमको अपना समझो तो प्यार करो.
I miss you


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इस दुनिया में ज़माने से लड़ना आसान है
कम से कम हार जीत का पता तो चलता है,
मगर खुद से लड़ना बहुत मुश्किल है
हार जीत का पता ही नहीं चलता...
दिमाग कुछ और सोचता है और दिल कुछ और करता है।


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दोस्ती वो नहीं होती, जो जान देती है
दोस्ती वो नही होती जो मुस्कान देती है
दोस्ती तो वो होती है
जो दोस्ती को प्यार का नाम देती हैं.
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औकात की बात मत कर पगली
हम जिस गली में पैर रखते हैं,
वहाँ की लड़कियां अक्सर कहती हैं,
बहारो फूल बरसाओ मेरा महबूब आया है।


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कहाँ किसी के लिए है मुमकिन,
सब के लिए एक सा होना।
थोड़ा सा दिल मेरा बुरा है,
थोड़ा भला है सीने में।


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उनकी बातों का दौर
उनकी आवाज का दीवाना
वो दिन भी क्या दिन थे
जब वो पास थे मेरे
और अजनबी था जमाना।


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कयामत के रोज फरिश्तों ने पूछा
तुझे आखिरी ख्वाहिश में क्या चाहिए,
मैं मुस्कुराते हुए बोला
मेरी मोहब्बत की मुकम्मल झलक चाहिए।


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अभी सूरज नहीं डूबा ज़रा सी शाम होने दो,
मैं खुद लौट जाऊँगा मुझे नाकाम तो होने दो,
मुझे बदनाम करने का बहाना ढूंढ़ता है जमाना,
मैं खुद हो जाऊँगा बदनाम पहले मेरा नाम तो होने दो

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सीख रहा हूँ मै भी अब मीठा झूठ बोलने का हुनर,
कड़वे सच ने हमसे, ना जाने, कितने अज़ीज़ छीन लिए।


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वो शख्स भरी महफिल में भी मेरी तरह तन्हा है,
उसे ना पीने का शौक है... ना पिलाने का।


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औकात की बात मत कर पगली...
हम जिस गली में पैर रखते हैं,
वहाँ की लड़कियां अक्सर कहती हैं,
बहारो फूल बरसाओ मेरा महबूब आया है।


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​मैं अल्फाज़ हूँ तेरी हर बात समझता हूँ​,
मैं एहसास हूँ तेरे जज़्बात समझता हूँ​,
कब पूछा मैंने ​कि ​क्यूँ दूर हो मुझसे​,
मैं दिल रखता हूँ तेरे हालात समझता हूँ​।


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कुछ रोज़ यह भी रंग रहा तेरे इंतज़ार का,
आँख उठ गई जिधर बस उधर देखते रहे।
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देखा है आज मुझे भी गुस्से की नज़र से,
मालूम नहीं आज वो किस-किस से लड़े है।


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​खयालों में ​उसके मैंने बिता दी ज़िंदगी सारी,
​​इबादत कर नहीं पाया खुदा नाराज़ मत होना​।


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मोहब्बत की भी देखों ना,
कितनी अजीब कहानी है,
जहर तों पिया मीरा ने,
फिर भी राधा ही दिल की रानी हैं।


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उसके साथ रहते रहते हमे चाहत सी हो गयी,
उससे बात करते करते हमे आदत सी हो गयी,
एक पल भी न मिले तो न जाने बेचैनी सी रहती है,
दोस्ती निभाते निभाते हमे मोहब्बत सी हो गयी।


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चांदनी रात में बरसात बुरी लगती है...
और महबूबा रूठ जाये तो हर बात बुरी लगती है।


हाथ मेरे भूल बैठे दस्तकें देने का फ़न,
बंद मुझ पर जब से उस के घर का दरवाज़ा हुआ।
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कल जहाँ से कि उठा लाए थे अहबाब मुझे,
ले चल आज वहीं फिर दिल-ए-बे-ताब मुझे।


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एक आँसू ने डुबोया मुझ को उन की बज़्म में
बूँद भर पानी से सारी आबरू पानी हुई।


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वो कब का भूल चुका होगा हमारी वफ़ा का किस्सा,
बिछड़ के किसी को किसी का ख्याल कब रहता है।


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सुकून मिलता है दो लफ्ज़ कागज पे उतार कर,
कह भी देता हूँ और आवाज भी नहीं होती।


मय छलक जाए तो कमजर्फ हैं पीने वाले,
जाम खाली हो तो साकी तेरी रूसवाई है।


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बहुत ज़ालिम हो तुम भी मुहब्बत ऐसे करते हो,
जैसे घर के पिंजरे में परिंदा पाल रखा हो।


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किन लफ्जों में लिखूँ मैं अपने इन्तजार को तुम्हें,
बेजुबां है इश्क़ मेरा ढूँढता है खामोशी से तुझे।


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वक्त की यारी तो हर कोई करता है मेरे दोस्त,
मजा तो तब है..
जब वक्त बदल जाये पर यार ना बदले।


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अब देखिये तो किस की जान जाती है,
मैंने उसकी और उसने मेरी कसम खायी है।

मैं हूँ दिल है तन्हाई है,
तुम भी जो होते तो अच्छा होता।


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उसकी कुदरत देखता हूँ तेरी आँखें देखकर,
दो पियालों में भरी है कैसे लाखों मन शराब।


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उसके बगैर भी तो अदम कट गई हयात,
उसका खयाल उससे जियादा जमील था।
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शिकन न डाल जबीं पर शराब देते हुए,
यह मुस्कराती हुई चीज मुस्करा के पिला,
सरूर चीज के मिकदार में नहीं मौकूफ,
शराब कम है साकी तो नजर मिला के पिला।
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इश्क़ कातिल से भी मक़तूल से हमदर्दी भी,
ये बता किस से मोहब्बत की जज़ा माँगेगा,
सजदा खालिक़ को भी इब्लीस से याराना भी,
हशर में किस से अक़ीदत का सिला माँगेगा।


तुम तो अपने घर के थे तुमसे कोई पर्दा न था लेकिन,
जो दिल की बात थी ज़ालिम वही मुँह से नहीं निकली।
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दिल वो है जो फ़रियाद से भरा रहता है हर वक़्त,
हम वो हैं कि कुछ मुँह से निकलने नहीं देते।
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खुद को जला दे तभी रोशनी मिलेगी तुझे
वरना क्या पता इन अन्धेरो में रक्खा क्या है़?
तू हंसे तो दुनिया हंसे,
वरना अकेले मुस्कुराने में रक्खा क्या है?
बनना है तो सूरज बन कोई और
सितारा बनने में रक्खा क्या है...।


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करो सोने के सौ टुकडे तो
क़ीमत कम नहीं होती
बुज़ुर्गों की दुआ लेने से
इज्ज़त कभी कम नहीं होती.

जरूरतमंद को कभी दहलीज
से ख़ाली ना लौटाओ,
भगवन के नाम पर देने से
दौलत कम नहीं होती.

पकाई जाती है रोटी जो
मेहनत के कमाई से,
हो जाए गर बासी तो भी
लज्ज़त कम नहीं होती.

याद करते है अपनी हर
मुसीबत में जिन्हें हम..
गुरु, प्रभु और माँ पिता के सामने
झुकने से गर्दन नीचे नहीं होती.


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डरता हूँ इक़रार से कहीं वो इनकार न कर दे,
यूँ ही तबाह अपनी जिंदगी हम यार न कर दे.


कभी दोस्ती कहेंगे कभी बेरुख़ी कहेंगे,
जो मिलेगा कोई तुझसा उसे ज़िन्दगी कहेंगे।

तेरा देखना है जादू तेरी गुफ़्तगू है खुशबू,
जो तेरी तरह चमके उसे रोशनी कहेंगे।

नए रास्ते पे चलना है सफ़र की शर्त वरना,
तेरे साथ चलने वाले तुझे अजनबी कहेंगे।

है उदास शाम राशिद नहीं आज कोई क़ासिद,
जो पयाम उसका लाए उसे चांदनी कहेंगे।
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यह जो हिज्र में दीवार-ओ-दर को देखते हैं,
कभी सबा को कभी नामबर को देखते हैं,
वो आये घर में हमारे खुदा की कुदरत है,
कभी हम उनको कभी अपने घर को देखते हैं।


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एक न एक दिन मैं ढूँढ ही लूंगा तुमको,
ठोंकरें ज़हर तो नहीं कि खा भी ना सकूँ।


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कितना दर्द है दिल में दिखाया नहीं जाता,
किसी की बर्बादी का किस्सा सुनाया नहीं जाता,
एक बार जी भर के देख लो इस चेहरे को,
क्योंकि बार बार कफ़न उठाया नहीं जाता।



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पलभर की भी तन्हाई तुम्हें नसीब ना हो,
कोई भी गम तुम्हारे करीब ना हो,
रब तुम्हारी ज़िन्दगी में इतनी खुशियाँ दे,
कि तुमसे बढ़कर कोई खुशनसीब ना हो..

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ज़ख्म सब भर गए बस एक चुभन बाकी है,
हाथ में तेरे भी पत्थर था हजारों की तरह,
पास रहकर भी कभी एक नहीं हो सकते,
कितने मजबूर हैं दरिया के किनारों की तरह।


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बिना मेरे रह ही जाएगी कोई न कोई कमी,
तुम जिंदगी को जितनी मर्जी सँवार लेना।


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वो मुझ तक आने की राह चाहता है,
लेकिन मेरी मोहब्बत का गवाह चाहता है,
खुद आते जाते मौसमों की तरह है,
और मेरे इश्क़ की इन्तहा चाहता है।


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#तुम्हारी #खुशियों के# ठिकाने #बहुत# होंगे #मगर,
#हमारी #बेचैनियों# की #वजह #बस #तुम हो।

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#लोग #कहते #हैं #जिन्हें #नील #कंव#ल वो #तो #क़तील,
#शब को इन# झील# सी #आँखों #में खिला करते है#





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