dua shayari in hindi for girlfriend2017


  1. Juda Honay Ka Andes~ha juda hony se pehle tha,
  2. Wo mujh se intehai khush khafa hone se pehle tha,
  3. Main kese soch sakta tha mujhy wo chor jayega,
  4. Bohat hi ba’wafa wo bewafa hone se pehle tha.
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  6. Badi Bechaini Basti H~ai, Kabhi Milne Chale Aao,
  7. Yeh Duniya Mujh Pe Hansti Hai, Kabhi Milne Chale Aao,
  8. Koi Bhi Pal Nahin Guzaa~ra, Jo Ho Teri Yaad Se Khaali,
  9. Tanhaayi Mujhko Dasti Hai, Kabhi Milne Chale Aao

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  11. Guzre dinon ki bhuli hui baat ki tarha,
  12. Ankhon me jagta hai koi rat ki tarah,
  13. Us se umeed thi ke n~ibhayega sath mera,
  14. Magar wo bhi badal gaya mere halaat ki tarah
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  16. Sadiyon Se Jaagi Aankhon Ko Ek Baar Sulane Aa Jao;
  17. Mana Ki Tumko P~yar Nahi, Nafrat hi Jatane Aa Jao;
  18. Jis Mod Pe Humko Chhod Gaye, hum Baithe Ab Tak Soch Rahe;
  19. Kya Bhool Hui Kyon Juda Hue, Bas Yeh Samjhane Aa Jao.
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  21.   Toot Ker Chaha Jise Wo Laut Kar Aaya Nahi
  22. Mere Dil Ko Us K ~Siwa Or Kuch Bhaya Nahi
  23. Pyar Ki Saudagari Me Hum Barabar Hi Rahe
  24. Us Ne Kuch Khoya Nahi Or Maine Kuch Paya Nahi
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  26. Bahut Bikhra Bahut Toota, Thapede Seh Nahi Paaya…
  27. Hawaaon Ke Ishaaron Par, Magar Main Beh Nahi Paaya…
  28. Adhoora AnSuna Hi Re~h Gaya Yoon Pyaar Ka Kissa…
  29. Kabhi Tum Sun Nahi Paaye, Kabhi Main Keh Nahin Paaya…
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  31. Aansuon Ke Chalne Ki Awaz Nahin Hoti;

  32. Dil Ke Tootne Ki Aahaat Nahin Hoti;

  33. Agar Hota Khuda Ko Har Dard Ka Ehsaas;

  34. To Use Dard Dene Ki Aadat Nehin Hoti!
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  36. Aapko Bhule Vo ~Nazar Kaha Se Layein;

  37. Kisi Aur Ko Chahe Vo Jigar Kaha Se Layein;

  38. Reh Nahi Sakte Aapke Bina;

  39. Uff Bhi Na Nikl~e Vo Zehar Kaha Se Layein!

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  41. Aasuoo Ko Palko Me Laya Na Kijiye;

  42. Dil Ke Baat Har Kisse Ko Bataya Na Kijye;

  43. Mutthe Me Namak Lekar Gumte Hai Log;

  44. Aapne Zhkhame Har Kise Ko Dikhaya Na Kijye!

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  46. Arman Koi Seene Mein Aag Laga Deta Hai;

  47. Khwab Koi Akar Raaton Ki Neend Uda Deta Hai;

  48. Punchta Hoon Jisse Bhi Manzil Ka Pata Ab To;

  49. Vo Rasta Tere Ghar Ka Hi Bata Deta Hai!

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  51. Dard De Gaye Sitam Bhi De Gaye;

  52. Zakhm Ke Sath Marham Bhi De Gaye;

  53. Do Lafzo Se Kar G~aye Apna Mann Halka;

  54. Aur Humein Kabi Na Rone Ki Kasam De Gaye!
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  56. तेरे पास भी कम न~हीं, मेरे पास भी बहुत हैं,
  57. ये परेशानियाँ आजकल फुरसत में बहुत हैं …………
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  59. मेरे लफ़्ज़ों से न कर मेरे ~क़िरदार का फ़ैसला।।
  60. तेरा वज़ूद मिट जायेगा मेरी हकीक़त ढूंढ़ते ढूंढ़ते।।
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  62. कितना कुछ जानता~ होगा वो सख्श मेरे बारे में;
  63. मेरे मुस्कुराने पर भी जिसने पूछ लिया कि तुम
  64. उदास क्यूँ हो ?
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  66. चूम कर कफ़न में लिपटें मेरे चेहरे को, उसने
  67. तड़प के कहा….
  68. .
  69. .
  70. नए कपड़े क्या पहन लिए, हमें देखते
  71. भी नहीं’…
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  73. जाते जाते उसने पलटकर इतना ही कहा मुझसे
  74. मेरी बेवफाई से ही मर जाओगे या मार के जाऊँ”
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  76. जुल्फों को फैला कर जब को~ई महबूबा किसी आशिक की कब्र पर रोती है …
  77. तब महसूस होता है कि मौत भी कितनी हसीं होती हे….
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  79. तेरी मुहब्बत भी किराये के घर की तरह
  80. थी…..
  81. कितना भी सजाया पर मेरी नहीं हुई….
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  83. यहाँ हजारों शायर है जो त~ख़्त बदलने निकले है,
  84. कुछ मेरे जैसे पागल है जो वक़्त बदलने निकले है,…..
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  87. नाकाम मोहब्बतें भी बड़े काम की होती हैं
  88. दिल मिले ना मिले नाम मिल जाता है..!
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  90. उनके लिए जब हमने भटकना छोड़ दिया,
  91. याद में उनकी जब तड़पना छोड़ दिया,
  92. वो रोये ~बहुत आकर तब हमारे पास,
  93. जब हमारे दिल ने धडकना छोड़ दिया.
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  95. ” कितनी झुठी होती है, मोहब्बत की कस्मेँ….।”
  96. देखो तुम भी जिन्दा हो, मैँ भी जिन्दा हूँ….॥
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  98. वो शायद मतलब से मिलते हैं,
  99. मुझे तो मिलने से मतलब है.!
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  101. तुमने कहा था आँख भर के देख लिया करो मुझे,
  102. मगर अब आँख भर आती है तुम नजर नही आते हो।
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  104. उसने महबूब ही तो बदला है फिर ताज्जुब कैसा ???
  105. दुआ कबूल ना हो तो लोग खुदा तक बदल लेते है !!!
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  107. हाथ ज़ख़्मी हुए तो कुछ अपनी ही खता थी…..
  108. लकीरों को मिटाना चाहा किसी को पाने की खातिर….
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  110. वो इस तरह मुस्कुरा ~रहे थे , जैसे कोई गम छुपा रहे थे
  111. बारिश में भीग के आये थे मिलने , शायद वो आंसु छुपा रहे थे
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  113. आज उसकी एक बात ने मुझे मेरी गलती की यूँ सजा दी…
  114. छोड़ कर जाते हुए कह गई,
  115. जब दर्द बर्दाश्त नहीं होता तो मुझ से मोहब्बत क्यूँ की….
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  117. उसके साथ जीने का इक मौका दे दे, ऐ खुदा..
  118. तेरे साथ तो हम मरने के बाद भी रह लेंगे..
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  120. उठाये जो हाथ उन्हें मांगने के लिए,
  121. किस्मत ने कहा, अपनी औकात में रहो।
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  123. जब से बा~जी, वफा की हारे हैं.
  124. दोस्तों, हम भी गम के मारे हैं.
  125. तुम हमारे सिवा, सभी के हो,
  126. हम किसी के नहीं, तुम्हारे हैं.
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  129. मेरे बारे में अपनी सोच को थोड़ा बदलकर देख,
  130. मुझसे भी बुरे हैं लोग तू घर से निकलकर देख…
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  132. तेरी यादों की कोई सरहद होती तो अच्छा था
  133. खबर तो रहती….स~फर तय कितना करना है
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  135. जुबां खुली पर कुछ कह न पाए , आँखों से चाहत जता रहे थे !
  136. सुबह की चाहत लिए नज़र में , रात नज़र में बिता रहे थे !!
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  138. मुझे दफनाने से पहले मेरा~ दिल निकाल कर उसे दे देना…
  139. मैं नही चाहता के वो खेलना छोङ दे…
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  141. किसी ने ग़ालि~ब से कहा
  142. सुना है जो शराब पीते हैं उनकी दुआ कुबूल नहीं होती ….
  143. ग़ालिब बोले: “जिन्हें शराब मिल जाए उन्हें किसी दुआ की ज़रूरत नहीं होती”
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  145. जो भी आता है एक नयी चोट दे के चला जाता है ए दोस्त,….
  146. मै मज़बूत बहोत हु लेकिन कोई पत्थर तो नहीं,….
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  148. वो अपनी ज़िंदगी में हुआ मशरूफ इतना;
  149. वो किस-किस को भूल गया उसे यह भी याद नहीं।
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  151. याद आयेगी हमारी तो बीते कल को पलट लेना..
  152. यूँ ही किसी पन्ने में मुस्कुराते हुए मिल जायेंगे ..
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  154. पथ्थर समझ के हमें मत ठुकराओ ,
  155. कल हम मंदिर में भी हो सकते हैं ।
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  157. “युं तो गलत नही होते अंदाज चहेरों के…
  158. लेकिन लोग…
  159. वैसे भी नहीं होते जैसे नजर आते है..
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  161. दिल में है जो बात किसी भी तरह कह डालिए
  162. ज़िन्दगी ही ना बीत जा~ए कहीं बताने मे ….
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  164. जिस्म का दिल से अ~गर वास्ता नहीं होता !
  165. क़सम खुदा की कोई हादसा नहीं होता !
  166. वे लोग जायें कहाँ बोलिये खड़े हैं जो ,
  167. उस हद के बाद जहाँ रास्ता नहीं होता !
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  169. जुबां पे झूंट जब ~आया उसे मैंने दबा दिया,
  170. कहा फिर भी नहीं की तू मुझे छोड़ चुकी हे तु
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  172. रोज़ रोते ~हुए कहती है ये ज़िंदगी मुझसे
  173. सिर्फ एक शख्स कि खातिर मुझे बर्बाद मत कर ….
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  175. ए दिल अब तो होश मैं आ…..
  176. यहाँ तुझे कोई अपना कहता ही नहीं….
  177. और तू है की खामख्वा किसी का बनने पे तुला है…..
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  179. किसी को मिल गया मौका, बुलन्दियों को छूने का,
  180. मेरा नाकाम होना भी किसी के काम तो आया।
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  182. तु हजार बार भी रूठे तो मना लुगाँ तझे,
  183. मगर देख, मुहब्बत में शामिल कोई दुसरा न हो।।
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  185. मौम के पास कभी आग को लाकर देखूँ,
  186. सोचता हूँ के तुझे हाथ लगा कर देखूँ……
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  188. दिल का मंदिर बड़ा वीरान नज़र आता है,
  189. सोचता हूँ तेरी तस्वीर लगा कर देखूँ….
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  191. चाँद उतरा था हमारे आँगन में,
  192. ये सि~तारों को गवाँरा ना हुआ,
  193. हम भी सितारों से क्या गिला करें,
  194. जब चाँद ही हमारा ना हुआ…
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  196. भीगी आँखों से मुस्कराने में मज़ा और है,
  197. हसते हँसते पलके भीगने में मज़ा और है,
  198. बात कहके तो कोई~ भी समझलेता है,
  199. पर खामोशी कोई समझे तो मज़ा और है..
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  201. भूल जाना उसे~ मुश्किल तो नहीं है लेकिन
  202. काम आसान भी हमसे कहाँ होते हैं!
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  204. गुज़र गया वो वक़्त जब तेरी हसरत
  205. थी मुझको,
  206. अब तू खुदा भी बन जाए तो भी तेरा सजदा ना करूँ…
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  208. जिंदगी देने वाले , मरता छोड़ गये,
  209. अपनापन जताने वाले तन्हा छोड़ गये,
  210. जब पड़ी जरूरत हमें अपने हमसफर की,
  211. वो जो साथ चलने वाले, रास्ता मोड़ गये”
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  213. हालात की दलील देकर उन्होनें साथ छोङ़ा , तो हम आहत नहीं हुए ….,
  214. सोचा हमसे ना सही , चलो किसी से तो वफ़ा निभाई उन्होने…
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  216. “ज़िन्दगी ने आज कह दिया है मुझे,
  217. किसी और से प्यार है,
  218. मेरी मौत से पूछो,
  219. अब उसे किस बात का इंतज़ार है.”
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  221. घर से तो निकले थे हम ख़ुशी की ही तलाश में,
  222. किस्मत ने ताउम्र का हमैं मुसाफिर बना दिया।
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  224. उन्हें नफरत हुयी सारे जहाँ से ,
  225. अब नयी दुनिया लाये कहाँ से…
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  227. तू मेरे जनाज़े को कन्धा मत देना,
  228. कही ज़िन्दा ना हो जाऊँ फिर तेरा सहारा देख कर …
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  230. दीं सदायें जिंदगी ने~ मैं ही सुन पाया नहीं,
  231. ख्वाब आँखों में बहुत थे कोई बुन पाया नहीं।
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  233. दिल भी एक जिद पर अड़ा है किसी बच्चे की तरह,
  234. या तो सब कुछ ही चाहिए या कुछ भी नही…..
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  236. वो अपने मेहंदी वाले हाथ मुझे दिखा कर रोई,
  237. अब मैं हुँ~ किसी और की, ये मुझे बता कर रोई,
  238. पहले कहती थी कि नहीं जी सकती तेरे बिन,
  239. आज फिर से वो बात दोहरा कर रोई…
  240. कैसे कर लुँ उसकी महोब्बत पे~ शक यारो…!!
  241. वो भरी महफिल में मुझे गले लगा कर रोई…
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  243. “दोस्त ने दोस्त को, दोस्त के लिए रुला दिया,
  244. क्या हुआ जो कि~सी केलिए उसने हूमें भुला दिया,
  245. हम तो वैसे भी अकेले थे अच्छा हुआ
  246. जो उसने हमे एहसास तो दिला दिया.“
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  248. अगर है दम तो चल डुबा दे मुजको,
  249. समंदर नाकाम रहा, अब तेरी आँखो की बारी..
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  251. जब से पता चला है, की मरने का नाम है ‘जींदगी’;
  252. तब से, कफ़न बांधे का~तील को ढूढ़ते हैं!”
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  254. तुम जैसा मुझे… कोण? कब???
  255. कहा?? और कैसे??? मिलेगा ??
  256. सोचो…
  257. बताओ…
  258. वरना मेरे हो जाओ ………
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  260. रात सारी तड़पते रहेंगे हम अब ,
  261. आज फिर ख़त तेरे पढ़ लिए शाम को”
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  263. जिंदगी भर के इम्तिहान के बाद …..
  264. वो शख्स~
  265. नतीजे में किसी और का निकला ..
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  267. मोहब्बत उसे भी बहुत है मुझसे
  268. जिंदगी सारी इस वहम ने ले ली…
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  270. “बादशाह तो में कहीं का भी बन सकता हूँ
  271. पर तेरे दिल की नगरी में हुकूमत करने
  272. का मज़ा ही कुछ अलग है………”
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  274. नहीं चाहिए कुछ भी तेरी इश्क़ कि दूकान से,
  275. हर चीज में मिलावट है बेवफाई कि..
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  277. काश तुम मौत होती तो………….
  278. एक दिन मेरी जरूर होती
  279. .................................................
  280. बुला कर तुम ने महफ़िल में हमें ग़ैरों से उठवाया
  281. हमीं ख़ुद उठ ग~ए होते इशारा कर दिया होता…
  282. .................................................
  283. तूने हसीन से हसीन चेहरो को उदास किया है….
  284. ए इश्क ….
  285. तू अगर इन्सान होता तो तेरा पहला कातिल मै होता ।
  286. .................................................
  287. ना आना लेकर उसे मेरे जनाजे में,
  288. मेरी मो~हब्बत की तौहीन होगी,
  289. मैं चार लोगो के कंधे पर हूंगा,
  290. और मेरी जान पैदल होगी.
  291. .................................................
  292.  “वो जो हमसे नफरत करते हैं,
  293. हम तो आज भी सिर्फ उन पर मरते हैं,
  294. नफरत है ~तो क्या हुआ यारो,
  295. कुछ तो है जो वो सिर्फ हमसे करते हैं।”
  296. .................................................
  297. हमारे चले जाने के बाद, ये समुंदर भी पूछेगा तुमसे,
  298. कहा चला गया वो शख्स जो तन्हाई मे आ कर,
  299. बस तुम्हारा ही नाम लिखा करता था…
  300. .................................................
  301. ना हम रहे दील लगाने के क़ाबील,
  302. ना दील रहा गम उठाने के क़ाबिल,
  303. लगा उसकी यादों से जो ज़ख़्म दिल पर,
  304. ना छोड़ा उस ने मुस्कुराने के क़ाबील.
  305. .................................................
  306. जाते वक़त उसने बड़े गुरुर से कहा था -
  307. तुझ जेसे लाखो मिलेगे.
  308. मैंने मुस्कराकर पूछा : मुझ जेसे कि तलाश ही क्यों ?
  309. .................................................
  310. टूटे हुए गिलास में जाम नहीं आता,
  311. इश्क के ~मरीजों को आराम नहीं आता,
  312. दिल तोड़ने से पहले सोचा तो होता,
  313. टुटा हुआ दिल किसी के काम नहीं आता ….
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  315.   हमें ए दिल कहीं ले चल … बड़ा तेरा करम होगा
  316. हमारे दम से है हर गम …न होंगे हम और ना गम होगा
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  318. बुलबुल बैठा पेड पर मैने सोचा तोता है।
  319. यारा तेरे प्या~र मे दिल ये मेरा रोता है।
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  321. कभी ये लगता है अब ख़त्म हो गया सब कुछ
  322. कभी ये लगता है अब तक तो कुछ हुआ भी नहीं
  323. .................................................
  324. कुछ लोग मेरी शायरी से सीते हैं अपने जख्म,
  325. कुछ लोगों को मैं चुभता हूँ सुई की नोक के जैसे
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  327. एहसान नहीं है जिन्दगी तेरा मुझ पर ,
  328. मैंने हर सांस की यहाँ कीमत दी है
  329. .................................................
  330. अपनो को दूर होते देखा ,
  331. सपनो को चूर~ होते देखा
  332. अरे लोग कहते हैँ की फूल कभी रोते नही ,
  333. हमने फूलोँ को भी तन्हाइयोँ मे रोते देखा...
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  335. सिर्फ एहसास होता है चाहत मे, इकरार नहीं होता.
  336. दिल से दिल मिलते हैं ~मोह्हबत में इंकार नहीं होता.
  337. ये कब समझोगे मेरे दोस्तों, दिल को लफजों की जरूरत नहीं होती.
  338. ख़ामोशी सबकुछ कह देती है प्यार में इज़हार नहीं होता
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  340. तेरी आरज़ू मेरा ख्वाब है…
  341. जिसका रास्ता बहुत खराब है…
  342. मेरे ज़ख़्म ~का अंदाज़ा ना लगा…
  343. दिल का हर पन्ना दर्द की किताब है…
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  345. काटो के बदले फूल क्या दोगे…
  346. आँसू के बदले खुशी क्या दोगे…
  347. हम चाहते है आप से उमर भर की दोस्ती…
  348. हमारे इस शायरी का जवाब क्या दोगे?
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  350. वो फिर से लौट आये थे मेरी जिंदगी में’ अपने मतलब के लिये
  351. और हम सोचते रहे की हमारी दुआ में दम था !
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  353. रात क्या ढली कि सितारे चले गये, गैरों से क्या कहें हम जब अपने ही चले गये,
  354. जीत तो सकते थे हम भी इश्क की बाज़ी, पर तुम्हे जितने के लिए हम हारते चले गये….
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  356. तेरा उलज़ा हुआ दामन मेरी अंजुमन तो नहीं,
  357. जो मेरे दिल में है शायद तेरी धड़कन तो नहीं,
  358. यू यकायक मुजे बर~साद की क्यों याद आई,
  359. जो घटा है तेरी आँखों में वो सावन तो नहीं.
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  361. भीगी आँखों से मुस्कराने में मज़ा और है,
  362. हसते हँसते पलके भीगने में मज़ा और है,
  363. बात कहके तो कोई भी समझलेता है,
  364. पर खामोशी ~कोई समझे तो मज़ा और है..
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  366. ना मुलाक़ात याद रखना, ना पता याद रखना,
  367. बस इतनी सी आरज़ू है, मेरा नाम याद रखना..
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  369. हमारे बाद अब महफ़िल में अफ़साने बयां होंगे
  370. बहारे हमको ढूँढें~गी ना जाने हम कहाँ होंगे
  371. ना हम होंगे ना तुम होंगे और ना ये दिल होगा फिर भी
  372. हज़ारो मंज़िले होंगी हज़ारो कारँवा होंगे
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  374. काश वो नगमे सुनाए ना होते
  375. आज उनको सुनकर ये आँसू आए ना होते
  376. अगर इस तरह भूल जाना ही था
  377. तो इतनी गहराई से दिल्मे समाए ना होते….
  378. .................................................
  379. ज़ख़्म जब मेरे सीने के भर जाएँगे;
  380. आँसू भी मो~ती बनकर बिखर जाएँगे;
  381. ये मत पूछना किस किस ने
  382. धोखा दिया;
  383. वरना कुछ अपनो के चेहरे उतर जाएँगे।
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  385. उतरे जो ज़िन्दगी तेरी गहराइयों में।
  386. महफ़िल में रह के भी रहे तनहाइयों में
  387. इसे दीवा~नगी नहीं तो और क्या कहें।
  388. प्यार ढुढतेँ रहे परछाईयों मेँ।
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  390. हमने दिल जो वापीस मांगा तो सिर जुका के…
  391. बोले
  392. वो तो टुंट गया युहि खेलते खेलते…….
  393. .................................................
  394. मंजीले मुश्किल थी पर हम खोये नहीं…
  395. दर्द था दिल में पर हम रोये नहीं…
  396. कोई नहीं आज हमारा जो पूछे हमसे…
  397. जाग रहे हो किसी के लिए..या किसी के लिये सोये नहीं…
  398. .................................................
  399. दिल रोज सजता है, नादान दुल्हन की तरह..!!
  400. गम रोज चले आते हैं, बाराती बनकर..!!
  401. .................................................
  402.  ‘तू’ डालता जा साकी शराब मेरे प्यालो में…
  403. जब तक ‘वो’ न निकले मेरे ख्यालों से ।।।
  404. .................................................
  405. अजनबी ख्वाहिशें सीने में दबा भी न सकूँ
  406. ऐसे जिद्दी हैं परिंदे के उड़ा भी न सकूँ
  407. फूँक डालूँगा ~किसी रोज ये दिल की दुनिया
  408. ये तेरा खत तो नहीं है कि जला भी न सकूँ
  409. .................................................
  410. सुलाके सब~को गहरी नींद में …
  411. फिर अकेला क्युं अंधेरा जागता है
  412. .................................................
  413. “एक बार उसने कहा था मेरे सिवा किसी से प्यार ना करना,
  414. बस फिर क्या था तबसे मोह~ब्बत की नजर से हमने खुद को भी नहीं देखा”
  415. .................................................
  416. ना नमाज़ ~आती है मुझे, ना वज़ू आता है,
  417. सज़दा कर लेता हूँ जब सामने तू आती है…
  418. .................................................
  419. सोचा था
  420. घर ब~ना कर बैठुंगा सुकून से…
  421. पर घर
  422. की ज़रूरतों ने
  423. मुसाफ़िर बना डाला
  424. .................................................
  425. एक ~घड़ी
  426. ख़रीदकर हाथ मे क्या बाँध
  427. ली,,
  428. वक़्त पीछे
  429. ही पड़ गया मेरे..


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