शनिवार, दिसंबर 03, 2016

जैसे हक़ीक़त मिली हो ख़यालों के बाद

⧭इस तरह मिली वो मुझे सालों के बाद,
⧭जैसे हक़ीक़त मिली हो ख़यालों के बाद,
⧭मैं पूछता रहा उस से ख़तायें अपनी,
⧭वो बहुत रोई मेरे सवालों के बाद|

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