गुरुवार, मार्च 09, 2017

तुमसे बिछड़कर खोये हम तन्हाई

कुएं से निकालकर खायी में,
तुमसे बिछड़कर खोये हम तन्हाई में,
कहाँ से कहाँ ले आयी ज़िन्दगी,
ढूंढते है तुम्हे हम अपनी परछाई में↸↸↸↸↸↸↸

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