तन्हाई मेरे दिल में समाती चली

तन्हाई मेरे दिल में समाती चली गयी;
किस्मत भी अपना खेल दिखाती चली गयी;
महकती फ़िज़ा की खुशबू में जो देखा प्यार को;
बस याद उनकी आई और रुलाती चली गयी↩↩↩↩

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