शुक्रवार, अप्रैल 14, 2017

जिंदगी गुजार दी शौहरत के पीछे

रब ने नवाजा हमें जिंदगी देकर;
और हम शौहरत मांगते रह गये;
जिंदगी गुजार दी शौहरत के पीछे;
फिर जीने की मौहलत मांगते रह गये↩↩↩

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