महफिल में हँसना मेरा मिजाज बन गया,
तन्हाई में मेरा रोना भी एक राज बन गया,
दिल के दर्द को चेहरे से जाहिर न होने दिया,
यही मेरे जीने का एक अंदाज़ बन गया↩↩↩
तन्हाई में मेरा रोना भी एक राज बन गया,
दिल के दर्द को चेहरे से जाहिर न होने दिया,
यही मेरे जीने का एक अंदाज़ बन गया↩↩↩
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें