बैठे हैं दिल में ये अरमां जगाये

बैठे हैं दिल में ये अरमां जगाये,
कि वो आज नजरों से हमें अपनी पिलायें;
मजा तो तब ही पीने का यारो,
इधर हम पियें और नशा उनको हो जाये🔼🔼🔼

टिप्पणियाँ