कभी हम मिले तो भी क्या मिले वही दूरियाँ अप्रैल 11, 2017 लिंक पाएं Facebook Twitter Pinterest ईमेल दूसरे ऐप कभी हम मिले तो भी क्या मिले वही दूरियाँ वही फ़ासले; न कभी हमारे क़दम बढ़े न कभी तुम्हारी झिझक गई⧪⧪⧪ टिप्पणियाँ
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