ज़िंदगी में गम नहीं फिर ज़िंदगी में क्या

जुगनुओं की रोशनी से तीरगी हटती नहीं;
आइने की सादगी से झूठ की पटती नहीं;
ज़िंदगी में गम नहीं फिर ज़िंदगी में क्या मजा;
सिर्फ खुशियों के सहारे ज़िंदगी कटती नहीं↩↩↩↩

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