अपना अंदाज़ औरों से जुदा रखता हूँ

फ़क़ीर मिज़ाज़ हूँ मैं,
अपना अंदाज़ औरों से जुदा रखता हूँ;
लोग मंदिर मस्जिदों में जाते हैं,
मैं अपने दिल में ख़ुदा रखता हूँ🔙🔙🔙🔙

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