चंद बूँदे क्या बरसी बरसात की धूल की फ़ितरत अप्रैल 11, 2017 लिंक पाएं Facebook Twitter Pinterest ईमेल दूसरे ऐप कल तक उड़ती थी जो मुँह तक आज पैरों से लिपट गई; चंद बूँदे क्या बरसी बरसात की धूल की फ़ितरत ही बदल गई🔻🔻🔻 टिप्पणियाँ
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