रिश्ता सिर्फ़ वो नही जो ग़म या ख़ुशी में साथ

रिश्ता ऐसा हो जिस पर नाज़ हो,
कल जितना भरोसा था उतना ही आज हो;
रिश्ता सिर्फ़ वो नही जो ग़म या ख़ुशी में साथ दे,
रिश्ते वो हैं जो अपने पन का एहसास दें↜↜↜↜

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