शुक्रवार, मई 12, 2017

दिल की हसरत मेरी ज़ुबान पे आने

दिल की हसरत मेरी ज़ुबान पे आने लगी;
तुमने देखा और ये ज़िन्दगी मुस्कुराने लगी;
ये इश्क़ के इन्तहा थी या दीवानगी मेरी;
हर सूरत में मुझे सूरत तेरी नज़र आने लगी↵↵↵

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