एक दिन जब उम्र ने तलाशी ली,
तो जेब से लम्हे बरामद हुए..
कुछ ग़म के थे, कुछ नम से थे कुछ टूटे हुए थे,
बस कुछ ही सही सलामत मिले.. जो बचपन के थे↵↵↵
तो जेब से लम्हे बरामद हुए..
कुछ ग़म के थे, कुछ नम से थे कुछ टूटे हुए थे,
बस कुछ ही सही सलामत मिले.. जो बचपन के थे↵↵↵
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