मंगलवार, मई 02, 2017

Tujhe ghazal bana ke jubaan pe laane

तेरी सादगी को निहारने का दिल करता हैं,
तमाम उम्र तेरे नाम करने का दिल करता है,
एक मुकम्मल शायरी हैं तू कुदरत की,
तुजे ग़ज़ल बनाके जुबान पे लेन का दिल करता है↶↶

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें