hindi shayari 2015

@#@कुसुरवार किसी ओर को क्युँ समझे, #गलती तो अपनी हैं,
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#ज़िंदगी# बे-कदरों को सोंप दी और प्यार#
लापरवाहों से कर बैठे.....

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