बैठे हैं दिल में ये अरमां जगाये अप्रैल 18, 2017 लिंक पाएं Facebook Twitter Pinterest ईमेल दूसरे ऐप बैठे हैं दिल में ये अरमां जगाये, कि वो आज नजरों से हमें अपनी पिलायें; मजा तो तब ही पीने का यारो, इधर हम पियें और नशा उनको हो जाये↵↵↵↵ टिप्पणियाँ
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