मैं तुझसे दूर कैसा हूँ, तू मुझसे दूर कैसी

कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है;
मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है;
मैं तुझसे दूर कैसा हूँ, तू मुझसे दूर कैसी है;
ये तेरा दिल समझता है, या मेरा दिल समझता है↵↵↵

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