↔हर तरफ से यहीं आती है सदा
बेवफ़ा को ही आज़माती है वफ़ा
↔होने को तो पल भर में हो जाती है
पर बाद में उम्रभर सताती है ख़ता
↔ग़ैरों को खुश रखने में ये ज़िन्दगी
खुद अपना ही भूल जाती है पता
बेवफ़ा को ही आज़माती है वफ़ा
↔होने को तो पल भर में हो जाती है
पर बाद में उम्रभर सताती है ख़ता
↔ग़ैरों को खुश रखने में ये ज़िन्दगी
खुद अपना ही भूल जाती है पता
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