रविवार, दिसंबर 04, 2016

Bewafa Ko Hi Aazmati Hain Wafa Shayari

↔हर तरफ से यहीं आती है सदा
बेवफ़ा को ही आज़माती है वफ़ा

↔होने को तो पल भर में हो जाती है
पर बाद में उम्रभर सताती है ख़ता

↔ग़ैरों को खुश रखने में ये ज़िन्दगी
खुद अपना ही भूल जाती है पता 

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