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ishq shayari two lines hindi font
- ↪ना शौक दीदार का ना फिक्र जुदाई की;
- ↪बड़े खुश नसीब हैं वो लोग जो मोहब्बत नहीं करते..
- ↪मुझ में बेपनाह मोहब्बत के सिवा कुछ भी नहीं;
- ↪तुम अगर चाहो तो मेरी साँसो की तलाशी ले लो..
- ↪ना हथियार से मिलते हैं ना अधिकार से मिलते हैं;
- ↪दिलों पर कब्जे तो बस प्यार और प्यार से मिलते हैं..
- ↪हक़ीक़त हो तुम कैसे तुझे सपना कहूँ;
- ↪तेरे हर दर्द को में अपना कहूँ;
- ↪सब कुछ क़ुर्बान है मेरे प्यार पर;
- ↪कौन है तेरे सिवा जिसे में अपना कहूँ..
- मिट्टी की बनी हूँ महक उठूंगी;
- बस तू इक बार बेइन्तहा 'बरस' के तो देख..
- हैं परेशानियाँ यूँ तो बहुत सी ज़िंदगी में;
- तेरी मोहब्बत सा मगर, कोई तंग नहीं करता!
- ↪तुम्हारी एक मुस्कान से सुधर गई तबियत मेरी;
- ↪बताओ ना तुम इश्क करते हो या इलाज करते हो!
- ↪इश्क़ कर लीजिये बेइंतेहा किताबों से;
- ↪एक यही हैं जो अपनी बातों से पलटा नहीं करतीं↫↫
- ↜बंध जाये किसी से रूह का बंधन;
- ↜तो इजहार ए मोहब्बत को अल्फ़ाज़ों की जरुरत नहीं होती!
- इतना शौंक मत रखो इन इश्क की गलियों में जाने का;
- क़सम से रास्ता जाने का है आने का नहीं!
- एक बार उसने कहा था मेरे सिवा किसी से प्यार ना करना;
- बस फिर क्या था तब से मोहब्बत की नजर से हमने खुद को भी नहीं देखा!
- सिर्फ बिछड़ जाने से ही तो रिश्ता खतम नहीं होता;
- प्यार वो कुआ है जिसका पानी कभी कम नहीं होता!
- कौन कहता है मुर्दे जिया नहीं करते;
- मैंने आशिकों की बस्ती में लाशों को चलते देखा है!
- खुदा की रहमत में अर्जियाँ नहीं चलतीं;
- दिलों के खेल में खुदगर्जियाँ नहीं चलतीं;
- चल ही पड़े हैं तो ये जान लीजिए हुज़ूर;
- इश्क़ की राह में मनमर्जियाँ नहीं चलतीं!
- पलकों से पानी गिरा है तो उसे गिरने दो;
- सीने में कोई पुरानी तमन्ना पिघल रही होगी!
- तलाश कर मेरी कमी को अपने दिल में एक बार;
- दर्द हो तो समझ लेना मोहब्बत अभी बाकी है!
- ↜कितनी मोहब्बत है तुमसे, कोई सफाई ना देंगे;
- ↜साये की तरह रहेंगे तेरे साथ, पर दिखाई ना देंगें⇗⇗
- ⇖लफ़्ज़ों के इत्तेफाक़ में, यूँ बदलाव करके देख;
- तू देख कर न मुस्कुरा, बस मुस्कुरा के देख⇖⇖
- आरज़ू होनी चाहिए किसी को याद करने की;
- लम्हें तो अपने आप मिल जाते हैं!
- कोई कहता है प्यार नशा बन जाता है;
- कोई कहता है प्यार सज़ा बन जाता है;
- पर प्यार करो अगर सच्चे दिल से;
- तो वो प्यार ही जीने की वजह बन जाता है!
- ख़ुदा तो उसकी आँखों में था;
- हम खामखाँ आयतें पढ़ते रहे!
- तेरा इश्क़ ही है मेरी बंदगी, मुझे और कुछ तो खबर नहीं;
- तुझे देख कर देखूँ और कहीं, अब मेरे पास वो नज़र नहीं!
- गीली लकड़ी सा इश्क तुमने सुलगाया है;
- न पूरा जल पाया कभी न ही बुझ पाया है!
- उसके लिये तो मैंने यहा तक दुआएं की है;
- कि कोई उसे चाहे भी तो बस मेरी तरह चाहे!
- ⇖एहसासों की अगर जुबाँ होती;
- दुनियां फिर खूबसूरत कहाँ होती;
- लफ़्ज़ बन जातें हैं पर्दे जज़्बात के;
- अजी फिर कैसे ये मोहोब्बत बयाँ होती⇖⇖⇖
- ⇖लिख दूं किताबें तेरी मासूमियत पर, फिर डर लगता है;
- ⇖कहीं हर कोई तुझे पाने का तलबगार ना हो जाये⇙⇙⇙
- उम्र निसार दूं तेरी उस एक नज़र पे;
- जो तू मुझे देखे और मैं तेरा हो जाउं!
- सिर्फ एक बार आओ दिल में, देखने मुहब्बत अपनी;
- फिर लौटने का इरादा हम तुम पर छोड़ देंगे!
- राख से भी आएगी खुशबू मोहब्बत की;
- मेरे खत तुम सरेआम जलाया ना करो!
- वो सज़दा ही क्या, जिसमे सर उठाने का होश रहे;
- इज़हार-ए-इश्क़ का मजा तब, जब मैं बेचैन रहूँ और वो ख़ामोश रहे!
- चलेगा मुक़दमा आसमान में सब आशिकों पर एक दिन;
- जिसे देखो अपने महबूब को चाँद जो बताता है!
- तुम्हारी दुनिया से जाने के बाद;
- हम तुम्हें हर एक तारे में नज़र आया करेंगे;
- तुम हर पल कोई दुआ माँग लेना;
- और हम हर पल टूट जाया करेंगे!
- ⇖तेरा अक्स गढ़ गया है, आँखों में कुछ ऐसा;
- सामने खुदा भी हो तो, दिखता है हू-ब-हू तुझ जैसा↝↝
- ⇖अदा है, ख्वाब है, तकसीम है, तमाशा है;
- एक शख्स मेरी इन आँखो में बेतहाशा है⇖
- ⇖मेरे आँसुओं से भी आती है खुशबू, जब से इन आँखों में तुझे बसाया है;
- ⇖जख्म भी मीठे लगते हैं, ⇖जब से तूने ये मेरा दिल चुराया है!
- इश्क की बहुत सारी उधारियां है, तुम पर;
- चुकाने की बात करो तो, कुछ किश्तें तय कर लें!
- ⇖मोहब्बत तो वो बारिश है, जिसे छूने की चाहत में;
- ⇖हथेलियां तो गीली हो जाती हैं, ⇎पर हाथ खाली ही रह जाते हैं!
- ⇖बरसो बाद तेरे करीब से गुज़रे,
- जो न संभलते तो गुज़र ही जाते⇖⇖
- दिल में है जो बात किसी भी तरह कह डालिये,
- जिंदगी ही ना बीत जाये कहीं बताने में।
- सारी उम्र आँखों में एक सपना याद रहा;
- सदियाँ बीत गयी पर वो लम्हा याद रहा;
- ना जाने क्या बात थी उनमे और हम में;
- सारी महफ़िल भूल गए बस वो चेहरा याद रहा
- कितना प्यार है तुमसे, वो लफ्ज़ों के सहारे कैसे बताऊँ,
- महसूस कर मेरे एहसास को, अब गवाही कहाँ से लाऊँ।
- ⇖मुझे हुक्म हुआ है कुछ और माँग उसके सिवा;
- मैं महफ़िल से उठ गया, ⇖कि मुझे ज़ुस्तुजू नहीं किसी और की।
- ⇖रात ख़्वाबों में आए थे तुम, और देखो;
- अभी तक महक रहा है, ⇖तुम्हारी ख़ुशबू से वो सिरहाना मेरा।
- ⇖नफरतों के जहान में हमको प्यार की बस्तियां बसानी हैं;
- दूर रहना कोई कमाल नहीं, ⇴पास आओ तो कोई बात बने।
- पहली मुलाकात थी, हम दोनों ही थे बेबस;
- वो जुल्फें न संभाल पाए और हम खुद को।
- ⇖इबादत की खुशबू पहुँचे तुम तक, अपने यकीन का इम्तिहान कर दूँ;
- आज मैं अपने अश्क को गंगा, ⇗और इश्क को कुरान कर दूँ।
- ⇖तुम्हें सोचा तो हर सोच से खुशबू आई,
- ⇖तुम्हें लिखा तो हर अल्फ़ाज महकता पाया⇗⇗
- तू मेरी मज़बूरी बन गयी है ऐसे;
- कि साँस लेना जरुरी है जैसे।
- कौन कहता है मुलाक़ात हमारी आज की है;
- तू मेरी रूह के अंदर तो कई सदियों से है।
- भूख रिश्तों को भी लगती है,
- कभी प्यार परोस कर तो देखिये।
- ⇖हमने ज़िन्दगी बितायी आँख सिरहाने लेकर;
- ⇖रात दुल्हन सी आयी ख़्वाब सुहाने लेकर⇗⇗
- ⇖⇖तेरी इबादत का रंग इस कदर गहरा चढ़ा;
- ⇖⇖नजर जहाँ पड़ी वहीं तेरा दीदार हुआ⇗⇗
- ⇖⇖नहीं बसती किसी और की सूरत अब इन आँखो में,
- काश कि हमने तुम्हें इतने गौर से ना देखा होता⇖⇖
- जीने के लिए जान जरुरी है, हमारे लिए तो आप जरुरी हैं;
- मेरे चेहरे पे चाहे गम हो, आपके चेहरे पे मुस्कान जरुरी है।
- ये कहाँ मुमकिन है कि हर लफ़्ज़ बयाँ हो;
- कुछ परदे हो दरमियाँ ये भी तो लाज़मी है।
- तलब उठती है बार-बार तेरे दीदार की,
- ना जाने देखते देखते कब तुम लत बन गए।
- ⇖सुनो बहुत इंतजार करता हूँ तुम्हारा;
- सिर्फ एक कदम बढा दो बाकी के फासले मैं खुद तय कर⇖ लूँगा।
- ⇖याद रखते हैं हम आज भी उन्हें पहले की तरह;
- कौन कहता है फासले मोहब्बत की याद मिटा देते हैं⇖⇖⇖
- तुझे छोड़ दूं तुझे भूल जाँऊ, कैसी बातें करते हो;
- सूरत तो फिर भी सूरत है, मुझे तो तेरे नाम के लोग भी अच्छे लगते हैं।
- तलब उठती है बार-बार तेरे दीदार की;
- ना जाने देखते-देखते कब तुम लत बन गये।
- मैं तुम्हारी कुछ मिसाल तो दे दूँ मगर जानां,
- जुल्म ये है कि बे-मिसाल हो तुम।
- प्यार अगर सच्चा हो तो कभी नहीं बदलता,
- ना वक्त के साथ ना हालात के साथ।
- ⇖तेरी वफ़ा के तकाजे बदल गये वरना,
- मुझे तो आज भी तुझसे अजीज कोई नहीं⇖⇖
- होती अगर मोहब्बत बादल के साये की तरह,
- तो मैं तेरे शहर में कभी धूप ना आने देता।
- ⇪⇪हर बात का कोई जवाब नही होता,
- हर इश्क का नाम खराब नही होता,
- यूँ तो झूम लेते हैं नशे में पीने वाले,
- मगर हर नशे का नाम शराब नही होता⇾⇾
- मेरी चाहतें तुमसे अलग कब हैं, दिल की बातें तुम से छुपी कब हैं;
- तुम साथ रहो दिल में धड़कन की जगह, फिर ज़िन्दगी को साँसों की ज़रूरत कब है।
- घायल कर के मुझे उसने पूछा, करोगे क्या फिर मोहब्बत मुझसे;
- लहू-लहू था दिल मगर होंठों ने कहा बेइंतहा-बेइंतहा।
- रिश्ते किसी से कुछ यूँ निभा लो, कि उसके दिल के सारे गम चुरा लो;
- इतना असर छोड दो किसी पे अपना, कि हर कोई कहे हमें भी अपना बना लो।
- कुछ कह भी दो कुछ सुन भी लो;
- अधूरे लफ्ज़, अधूरे अफ़साने अक्सर कहानी बन जाया करते हैं।
- आँखों से दूर दिल के करीब था, मैं उस का वो मेरा नसीब था;
- न कभी मिला न जुदा हुआ, रिश्ता हम दोनों का कितना अजीब था।
- मैं नासमझ ही सही मगर वो तारा हूँ जो,
- तेरी एक ख्वाहिश के लिए सौ बार टूट जाऊं।
- आरज़ू होनी चाहिए किसी को याद करने की,
- लम्हें तो खुद-ब-खुद मिल जाया करते हैं।
- वो मेरी आखिरी सरहद हो जैसे,
- सोच जाती ही नहीं उससे आगे।
- तेरे उतारे हुए दिन पहन के, अब भी मैं,
- तेरी महक में कई रोज़ काट देता हूँ।
- सफर वहीं तक है जहाँ तक तुम हो,
- नजर वहीं तक है जहाँ तक तुम हो,
- हजारों फूल देखे हैं इस गुलशन में मगर,
- खुशबू वहीं तक है जहाँ तक तुम हो।
- वजह पूछोगे तो उम्र गुजर जायेगी,
- कहा ना अच्छे लगते हो तो बस लगते हो।
- तस्वीर में ख्याल होना तो लाज़मी सा है;
- मगर एक तस्वीर है, जो ख्यालों में बनी है।
- मैंने रंग दिया हर पन्ना तेरे नाम से,
- मेरी किताबों से, मेरी यादों से पूछ इश्क किसे कहते हैं।
- तेरी मोहब्बत की तलब थी इस लिए हाथ फैला दिए,
- वरना हमने तो कभी अपनी ज़िंदगी की दुआ भी नही माँगी।
- आँखों में आंसुओं की लकीर बन गयी;
- जैसी चाहिए थी वैसी तकदीर बन गयी;
- हमने तो सिर्फ रेत में उंगलियाँ घुमाई थी;
- गौर से देखा तो आपकी तस्वीर बन गयी।
- इश्क ने कब इजाजत ली है आशिक़ों से,
- वो होता है, और होकर ही रहता है।
- तू होश में थी फिर भी हमें पहचान न पायी,
- एक हम हैं कि पी कर भी तेरा नाम लेते रहे।
- छुपे-छुपे से रहते हैं सरेआम नही हुआ करते,
- कुछ रिश्ते बस एहसास होते हैं उनके नाम नहीं हुआ करते।
- 'नजर' 'नमाज' 'नजरिया' सब कुछ बदल गया,
- एक रोज इश्क़ हुआ और मेरा खुदा बदल गया।
- मैं घर से तेरी तमन्ना पहन के जब निकलूँ,
- बरहना शहर में कोई नज़र ना आए मुझे।
- मैं फ़रमाईश हूँ उसकी, वो इबादत है मेरी,
- इतनी आसानी से कैसे निकाल दूँ उसे अपने दिल से,
- मैं ख्वाब हूँ उसका, वो हकीकत है मेरी।
- फिर इश्क़ का जूनून चढ़ रहा है सिर पे,
- मयख़ाने से कह दो दरवाज़ा खुला रखे।
- क्या जरूरत है मुझे इतर की बदन पर लगाने के लिए,
- तेरा ख्याल ही बहुत है मुझे महकाने के लिए।
- देखो आपकी आँखों से गुफ्तगू करके साहब,
- मेरी आँखों ने भी बोलना सीख लिया।
- देख मेरी आँखों में ख्वाब किसके हैं,
- दिल में मेरे सुलगते तूलोग पूछते हैं कौन सी दुनिया में जीते हो,
- अकेले हम ही शामिल नहीं हैं इस जुर्म में जनाब,
- नजरें जब भी मिली थी मुस्कराये तुम भी थे।
- हमने भी कह दिया मोहब्बत में दुनिया कहाँ नजर आती है।फ़ान किसके हैं,
- नहीं गुज़रा कोई आज तक इस रास्ते से हो कर,
- फिर ये क़दमों के निशान किसके हैं।
- तमन्ना तेरे जिस्म की होती तो छीन लेते दुनिया से,
- इश्क तेरी रूह से है इसलिए खुदा से मांगते हैं तुझे।
- शब्दों को होठों पर रखकर दिल के भेद ना खोलो,
- मैं आँखों से सुन सकता हूँ तुम आँखों से बोलो।
- यह कौन शरमा रहा है, यूँ फ़ुर्सत में याद कर के,
- कि हिचकियाँ आना तो चाहती हैं, पर हिच-किचा रही हैं।
- जिसका वजूद नहीं, वह हस्ती किस काम की,
- जो मजा न दे, वह मस्ती किस काम की,
- जहाँ दिल न लगे, वो बस्ती किस काम की,
- हम आपको याद न करें, तो फिर ये मोहब्बत किस काम की
- नकाब तो उनका सिर से लेकर पाँव तक था,
- मगर आँखें बता रही थी कि मोहब्बत की शौकीन वो भी थी
- फ़क़ीर मिज़ाज़ हूँ मैं, अपना अंदाज़ औरों से जुदा रखता हूँ;
- लोग मंदिर मस्जिदों में जाते हैं, मैं अपने दिल में ख़ुदा रखता हूँ
- कुछ और भी हैं काम हमें ऐ ग़म-ए-जानाँ,
- कब तक कोई उलझी हुई ज़ुल्फ़ों को सँवारे
- माना कि उनमें अलग कुछ भी नहीं है,
- मगर जो बात उसमें है किसी और में नही है
- हमने जब कहा नशा शराब का लाजवाब है,
- तो उसने अपने होठो से सारे वहम तोड़ दिए
- अदा है, ख्वाब है, तकसीम है, तमाशा है,
- मेरी इन आँखों में एक शख्स बेतहाशा है
- तू नाराज न रहा कर तुझे वास्ता है खुदा का,
- एक तेरा ही चेहरा खुश देख कर तो हम अपना गम भुलाते हैं
- ये आशिकोँ का शहर है जनाब,
- यहाँ सवेरा सूरज से नही, किसी के दीदार से होता है।
- अक्सर नींदें चुरा लेता हूँ देखो रिस्क ही रिस्क हूँ मैं,
- बिन बताये दिल में उतर जाता हूँ इश्क़ ही इश्क़ हूँ मैं।
- मैं कुछ कहूँ और तेरा ज़िक्र ना आये,
- उफ्फ, ये तो तौहीन होगी, तेरी चाहत की।
- ज़िन्दगी के किस मोड़ पर ले आई है यह जवानी भी,
- जलना होगा या डूबना होगा "अक्स" इश्क़ आग भी है और पानी भी।
- बेपनाह मोहब्बत का एक ही उसूल है,
- मिले या ना मिले तू हर हाल मे कबूल है।
- सब पूछते हैं मुझ से क्यों रातों को मैं जागता हूँ और दिन में खोया हुआ सा रहता हूँ,
- चुप रहूँ या कह दूँ अब सब से कि इस बेचैन दिल की वजह तुम हो।
- नींद से क्या शिकवा जो आती नहीं रात भर,
- कसूर तो उस चेहरे का है जो सोने नही देता।
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